रायपुर/बिलासपुर। निलंबित एडीजी जीपी सिंह की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। हाईकोर्ट ने आय से अधिक संपत्ति की सीबीआई जांच कराने की उनकी याचिका को खारिज कर दिया है। इसी तरह राजद्रोह प्रकरण में भी उन्हें कोई राहत नहीं मिली है। जस्टिस एनके व्यास की एकल पीठ ने जीपी सिंह की दोनों याचिका पर सुनवाई पूरी कर ली थी, और फैसला सुरक्षित रखा था। शुक्रवार को दोनों याचिका पर कोर्ट ने आदेश पारित किए है, और इसमें जीपी सिंह को कोई राहत नहीं मिली है। जीपी सिंह की तरफ से पैरवी सीनियर एडवोकेट किशोर भादुड़ी ने की, और राजद्रोह प्रकरण में सरकार की तरफ से एडिशनल एडवोकेट जनरल अमृतोदास ने पैरवी की।






साथ ही आय से अधिक संपत्ति प्रकरण पर एसीबी की तरफ से राज्यसभा सदस्य और सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता केटीएस तुलसी उपस्थित हुए। कोर्ट ने जीपी सिंह की दोनों याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से केस डायरी तलब की थी। जीपी सिंह ने अंतरिम राहत की मांग को लेकर अपनी पहली याचिका लगाई थी। एसीबी को जीपी सिंह के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने की शिकायत मिली थी।
शिकायत के बाद सिंह के सरकारी आवास समेत लगभग 10 ठिकानों पर छापे की कार्रवाई शुरू की गई। 68 घंटे चले मैराथन छापेमार कार्रवाई में एसीबी को जीपी सिंह के खिलाफ 10 करोड़ से अधिक की बेनामी संपत्ति के दस्तावेज मिले थे। वहीं बाद में उनके ऊपर राजद्रोह का मामला भी दर्ज कर दिया गया। राजद्रोह का मामला दर्ज होने के बाद से ही जीपी सिंह ने हाईकोर्ट की शरण ली है। रिट याचिका दायर करते हुए पूरे मामले में स्वतंत्र एजेंसी सीबीआई से जांच कराए जाने की मांग की थी। कोर्ट ने उनकी याचिकाओं को खारिज कर दिया है।