मुंबई। महाराष्ट्र के पूर्व गृहमंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय ने बड़ी कार्रवाई करते हुए मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत उनकी 4.20 करोड़ रुपए की अचल संपत्ति कुर्क की है। यह प्रॉपर्टी अनिल देशमुख और उनके परिवार के नाम पर थी। जिसमें उनकी पत्नी आरती देशमुख और प्रीमियर पोर्ट लिंक्स प्राइवेट लिमिटेड नाम शामिल है।
प्रवर्तन निदेशालय ने अनिल देशमुख के खिलाफ सीबीआई द्वारा दर्ज की गई एफआईआर के बाद जांच शुरू की थी। पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने अनिल देशमुख पर 100 करोड़ रुपए की हफ्ता वसूली का आरोप लगाया था। इन्हीं आरोपों के बाद देशमुख की मुश्किलें बढ़ना शुरू हुई थीं। सीबीआई द्वारा दर्ज मुकदमे के बाद उन्हें अपने पद से भी इस्तीफा देना पड़ा था।
प्रवर्तन निदेशालय द्वारा तीन बार पूछताछ के लिए भेजे गए समन को गंभीरता से ना लेते हुए अनिल देशमुख जांच एजेंसी के सामने हाजिर नहीं हुए थे। जिसके बाद ईडी ने उनके बेटे ऋषिकेश और पत्नी को भी समन भेजा था लेकिन उन्होंने भी बयान दर्ज कराने से इंकार कर दिया। यह समन महाराष्ट्र पुलिस से संबंधित 100 करोड़ रुपए के कथित वसूली मामले से जुड़े हुए थे। जिनमें प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत पूछताछ की जानी थी।
देशमुख के वकील कमलेश घुमरे ने आरोप लगाया कि ईडी की जांच वास्तविक जांच के बजाय ‘उत्पीड़न’ की तरह ज्यादा दिखती है। ईडी ने इससे पहले देशमुख को कई समन जारी कर बयान दर्ज करने को कहा था। हालांकि, देशमुख ने कोविड-19 हवाला देते हुए पेशी से इनकार कर दिया था। उन्होंने ईडी को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बयान दर्ज कराने की पेशकश की थी।