पक्के घर की आस – अब जाकर हुई पास

बारिश
सबके लिये खुशियां लेकर आती है।
पर कच्चे घर वाले लोग बारिश की
आहट से ही सहम जाते हैं। शहडोल
शहर के वार्ड नं. 23 में रहने वाली
श्रीमती रनिया बाई कोल भी कच्ची
झोपड़ी में रहती थीं। उनकी कई
पी – 21/08/2024

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