वो दिन अब फना हुए, जब करण बेरोजगार थे। कुछ कर गुजरने का सपना दिल में लिये करण यहां-वहां हाथ-पैर मारते रहे, पर कहीं ठौर न मिला। थककर एक किराना दुकान में दिहाडी में मजदूरी भी कर ली, पर मन वहां भ – 13/08/2024
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