सीनियर IPS जीबी सिंह ने वापस ली जमानत याचिका,पुलिस डायरी अधूरी, इसलिए नहीं बनी बात

निलंबित ADG ने वापस ली जमानत याचिका: भ्रष्टाचार और राजद्रोह में घिरे IPS जीपी सिंह ने रायपुर की कोर्ट में लगाई थी अर्जी

रायपुर। भ्रष्टाचार और राजद्रोह के आरोपों में घिरे छत्तीसगढ़ के निलंबित ADG जीपी सिंह ने अग्रिम जमानत याचिका वापस ले ली है। सिंह पर ACB ने आय से अधिक संपत्ति और कुछ दस्तावेजों के आधार पर राजद्रोह का केस दर्ज किया है। इस मामले में उन्होंने रायपुर की कोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका लगाई थी। मगर अब तक इस मामले में पुलिस की केस डायरी कोर्ट नहीं पहुंची है। पुलिस की जांच और पूछताछ अभी जारी है।

जीपी सिंह के मामले में अगर जमानत पर सुनवाई होती है तो पुलिस केस डायरी का कोर्ट पहुंचना जरूरी है। इसके न होने की वजह से जमानत के चांस भी कम हो जाते हैं। इस सूरत में जीपी सिंह की लीगल टीम ने इसे वापस लेने का फैसला किया। सूत्रों की मानें तो अब इस मामले में जीपी सिंह की लीगल टीम हाईकोर्ट जाकर भी जमानत को लेकर कानूनी मशक्कत कर सकती है।

जीपी सिंह क्वारैंटाइन, कोविड टेस्ट करवा रहे

खबर है कि जीपी सिंह की तबीयत ठीक नहीं। ACB ने अपने पूर्व चीफ और निलंबित ADG जीपी सिंह को नोटिस भेजकर 10 करोड़ की संपत्ति पर जवाब देने को बुलाया। सोमवार को जीपी सिंह की तरफ कहा गया है कि वो क्वारैंटाइन हैं। सिंह ने पत्र लिखकर कहा है कि उनमें कोरोना के लक्षण हैं। फिलहाल वे क्वारैंटाइन हैं। जीपी सिंह का कोविड टेस्ट भी किया जा सकता है। इसके बाद उनसे मुलाकात या सीधा संपर्क ACB या पुलिस की टीम नहीं कर पाएगी।

क्या है पूरा मामला?

जीपी सिंह छत्तीसगढ़ पुलिस में ADG हैं। फिलहाल सस्पेंड कर दिए गए हैं। 1 जुलाई को इनके रायपुर स्थित सरकारी घर में ACB का छापा पड़ा था। तीन दिन तक चली कार्रवाई में रायपुर, ओडिशा, पंजाब में 10 करोड़ से ज्यादा की संपत्ति मिली। इस पर ACB ने FIR दर्ज की। ये बात भी सामने आई कि सिंह ने कुछ विधायकों, सरकार के करीबी नेता और कुछ अफसरों के खिलाफ बातें एक डायरी में लिखी थीं। इस आधार पर उन पर राजद्रोह का केस दर्ज गया है।

जीपी सिंह हाईकोर्ट में आय से अधिक संपत्ति मामले में याचिका लगाकर अब CBI जांच की मांग कर रहे हैं। माना जा रहा है कि उनकी तरफ से अपने बचाव के लिए राजद्रोह केस में भी एक अर्जी हाईकोर्ट पहुंचेगी। दूसरी तरफ, सिंह पर लगी धाराओं की वजह से पुलिस के पास उन्हें बिना किसी वारंट के गिरफ्तार करने अधिकार है, मगर 1 जुलाई से अब तक इस मामले में गिरफ्तारी नहीं हुई है। अफसर इस पूरे केस पर खुलकर किसी सवाल का जवाब नहीं दे रहे हैं।

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