मुंगेली। जरूरी है उर्वरक दुकान और गोदाम में वेंटीलेशन व एग्जॉस्ट का होना। पोषक तत्व खत्म ना हो, इसके लिए दीवार से दूरी, सतह से ऊंचाई भी बनाकर रखनी है।। कृषि दवाओं को ग्लास कवर में ही रखना है। नहीं पालन किए जाते यह नियम। जानकारी के बाद अब जाकर ऐसी गतिविधियों पर रोक के लिए जांच की तैयारी है।
परचून या मनिहारी दुकान की तर्ज पर चल रहीं उर्वरक, बीज और दवा दुकानें नियमों के पालन को लेकर जैसी लापरवाही दिखा रहीं हैं, उससे सुरक्षा पर सवाल उठने लगे हैं। सवाल उस विभाग की कार्यशैली पर भी उठ रहें हैं, जिसके पास ऐसी गतिविधियों पर रोक की जिम्मेदारी है। महामारी के दौर में इस विभाग से अपेक्षा कुछ ज्यादा इसलिए है क्योंकि खाद, बीज और कीटनाशक दवाओं की बिक्री ऐसी ही लापरवाही के बीच जमकर हो रही है।
• कहीं भारी ना पड़ जाए लापरवाही
उर्वरक दुकानों में जहां इस समय सबसे ज्यादा आवाजाही देखी जा रही है। यहां अधिकतर दुकानें ऐसी मिल जाएंगी, जिनके गोदाम में वेंटिलेटर नहीं हैं। जहां हैं ,वहां एग्जॉस्ट फैन नहीं होते। भंडारण के लिए जरूरी, दीवार से दूरी और सतह से ऊंचाई के नियमों के पालन को लेकर गंभीरता नहीं दिखाए जाने से उर्वरक के पोषक तत्व की कमी की शिकायत दरकिनार रख दी जा रही है।
• इंकार कृषि केंद्रों का
चमचमाती टाइल्स और आकर्षक साज-सज्जा के साथ चलने वाली कीटनाशक दुकानें, सुरक्षा मानक के पालन को लेकर सबसे ज्यादा लापरवाह कही जा सकतीं हैं। अनिवार्य है फर्स्ट एड बॉक्स। मिलेंगे ऐसे बॉक्स जिनके खोले जाने पर आधी-अधूरी चिकित्सा सामग्री हैरान करती है। ऐसे में अचानक अप्रिय स्थिति आ जाए तो कैसे निपटा जाएगा ? जैसे सवाल के जवाब यहां नहीं मिलेंगे।
• दवाएं खुले में
नियम है कि कृषि दवाएं ग्लास पैक रेक में हों। इक्का-दुक्का दुकानों को छोड़ दें तो अधिकांश दुकानों में सामने की टेबल या खुली रेक में ही यह दवाएं रखी हुई मिलेंगी। इसी तरह नियमानुसार कालातीत हो चुकी दवाओं के लिए ‘ एक्सपायरी, नॉट फॉर सेल’ जैसी जरूरी सूचना के साथ अलग से ग्लास पैक काउंटर के नियम हैं लेकिन इसे भी मानने से इंकार किया जा रहा है।
“इस संबंध में कृषि विभाग का कहना है कि खाद, बीज और कीटनाशक बेचने वाली संस्थानों को सुरक्षा मानक का पालन करना होगा। उर्वरक और कीटनाशक निरीक्षकों को जांच के निर्देश दिए जा रहे है’।