मुंगेली। एक तरफ विपक्षी दलों के नेता शहरी क्षेत्रों में गली गली शिविर लगाकर मुफ्त प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिलाने जुटे हैं दूसरी तरफ प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रोज आवास योजना के सुव्यवस्थित क्रियान्वयन के लिए लगातार प्रशासनिक अधिकारियों से अपडेट ले रहे हैं ताकि गरीब से गरीब लोगों को भी घर मुहैया हो सके मगर लंबे समय से मुंगेली शहरी क्षेत्र जहां नगर पालिका परिषद आये दिन अपने आप के उलझनों में घिरे नजर आ रहा है वही शहर के कुछ विघ्नसंतोषी लोगो द्वारा आरटीआई एक्टिविस्ट, संचार से जुड़े होने का हवाले से या फिर जागरूक जनता बनकर ही पुराने खानदानी, जमींदार, धनाढ्य, पुरखौती, पुस्तैनी जमीन में यदि आशियाना बनाया जा रहा है वहां भी प्रशासन, नगर पालिका अधिकारियों के समक्ष अपनी अनेको नापाक दलीलें देकर रोड़ा लगाने की साजिश की जा रही है।
मुंगेली जिले का मुंगेली नगर पालिका क्षेत्र जहां दानवीर लोगों के दान से बहुत से भवनों का संचालन आज भी हो रहा है उसके बाद जिला निर्माण के बाद प्लाट ले लोग अपना मकान बना रहे हैं कमोबेश देखा जाय तो इस नगर पालिका क्षेत्र में अभी तक नियम कायदे बहुत धीमी गति से लागू हो रहे है मगर किसी पुस्तैनी अथवा खानदानी लोगो के अपने प्लाट में आशियाना अथवा महल बनाने की कार्यवाही भी हो रही हो तो किसी को ऐतराज होना नही चाहिए बहरहाल जिला प्रशासन अवैध कामो को रोकने मुस्तैदी से जुटी हुई है।
कुछ वर्ग विशेष और संचार, आरटीआई एक्टिविस्ट के हवाले से बनाया जा रहा बखेड़ा
बता दें लंबे समय से मुंगेली नगर पालिका क्षेत्र अंतर्गत भवन अनुज्ञा,डायवर्सन अन्य बहुत सी तकलीफ झेलने के बावजूद मेहनतकश लोग मकान बना रहे है उसके बावजूद भी कुछ विघ्नसंतोषी लोगों द्वारा पैनल बनाकर परेशान करने की योजना से अनवरत किसी वांछित इक्षापूर्ती होने तक विरोध किया जाता है। ऐसे में लाखों, करोड़ो बैंक ब्याज से अपना आशियाना बनाने की सोंच रखने वाले लोग उनके चढ़ावा का भी शिकार होते दिख रहे हैं।
सरकार से खरीदी जगह पर भी अड़ंगेबाजी और शिकायत
मालूम हो राज्य शासन की नजूल सरकार योजना में वर्षो से काबिज लोगों ने शासन के सभी मापदंड पूर्ण कर नजूल सरकार में जगह और मिल्कियत हासिल की है अब उस जगहों के झाड़ी, जंगल साफ करने में भी लोग हरा हरा पेड़ काटने के हवाले से मुह जुबानी हवा फैला रहे हैं। जबकि शासन से ली भूमि जहां न जाने प्रशासनिक अधिकारियों की जम्बो टीम ने स्थल निरीक्षण, दर्जनों रिपोर्ट और क़ानूनन विक्रय की प्रक्रिया से मालिकाना हक दिया गया बावजूद कुछ लोग हरा पेड़ काटने की अफवाह फैला रहे हैं। ऐसे में शहर के शांत माहौल बिगाड़ने की साजिश के रूप में देख समझ कार्यवाही की जानी चाहिए ताकि दुबारा ऐसा कुत्सित प्रयास किसी भी वर्ग विशेष अथवा पैनल बनाकर झूठी कोरी अफवाह का बाजार न फैलाये।
जिला प्रशासन करें सोशल साइड की निगरानी
जिला प्रशासन को किसी भी गतिबिधियों के सफल संचालन में ख़लल डाल रहे लोगों पर सतत निगरानी रखने के लिए सोशल साइड ट्रैक अथवा निगरानी कर कार्यवाही प्रारंभ किया जाना चाहिए ताकि जिले के विकास में बाधक कुछ असामाजिक तत्वों का पर्दाफाश के साथ कड़ी कार्यवाही भी हो पावे।