नई दिल्ली: उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश के कारण भूस्खलन के कारण प्रमुख राजमार्ग अवरुद्ध हो गए हैं और जीवित बचे लोगों की तलाश के लिए बचाव अभियान तेज हो गया है। दोनों हिमालयी राज्यों में बादल फटने की घटनाओं में कम से कम 23 लोगों की मौत हो गई है।
इनमें से 15 उत्तराखंड में और आठ पड़ोसी हिमाचल प्रदेश में हैं। अगले कुछ दिनों में दोनों राज्यों में और अधिक बारिश होने का अनुमान है।
गुरुवार को बादल फटने के बाद भूस्खलन और मलबे के कारण संपर्क से कटे इलाकों तक पहुंचने के लिए बचावकर्मियों ने हिमाचल प्रदेश में ड्रोन तैनात किए हैं। भारतीय वायु सेना (आईएएफ) ने केदारनाथ के लिए बारिश से तबाह हुए ट्रेक मार्ग पर फंसे 800 तीर्थयात्रियों को निकालने के लिए चिनूक और एमआई17 हेलीकॉप्टर तैनात किए हैं। अगर मौसम अनुकूल रहा तो आज इन तीर्थयात्रियों को निकाला जा सकता है।
हिमाचल प्रदेश का हाल
हिमाचल प्रदेश में तीन शव बरामद किए गए, जिससे मरने वालों की कुल संख्या आठ हो गई। बादल फटने से कुल्लू के निरमंड, सैंज और मलाना इलाकों, मंडी के पधर और शिमला के रामपुर उपखंड में अचानक बाढ़ आ गई। बचावकर्मी बादल फटने के बाद लापता हुए 45 लोगों को खोजने के लिए समय से जूझ रहे हैं।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के अनुसार, पिछले 36 घंटों में तीन जिलों में 103 मकान पूरी तरह या आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं, इसके अलावा छह मोटर योग्य और 32 पैदल पुल, दुकानें, स्कूल और वाहन क्षतिग्रस्त हुए हैं। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखू ने पीड़ितों के लिए 50,000 रुपये की तत्काल राहत की घोषणा की और यह भी कहा कि उन्हें अगले तीन महीनों के लिए किराए के लिए 5,000 रुपये प्रति माह दिए जाएंगे, साथ ही गैस, भोजन और अन्य आवश्यक वस्तुएं भी दी जाएंगी।
मंडी और पंडोह के बीच तीन स्थानों पर भूस्खलन के बाद चंडीगढ़-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग कल रात से तीन स्थानों पर बंद है। सड़क अवरुद्ध होने के कारण राजमार्ग पर यातायात जाम हो गया है। छोटे वाहनों को कटौला और गोहर के माध्यम से वैकल्पिक सड़क पर भेजा गया है। राष्ट्रीय राजमार्ग 5 (रामपुर-किन्नौर) भी निगुलसरी में अवरुद्ध हो गया है और लुहारी-बंजार और कुल्लू को जोड़ने वाला राष्ट्रीय राजमार्ग 305 भी भूस्खलन के कारण अवरुद्ध है।
उत्तराखंड की स्थिति
वहीं उत्तराखंड में केदारनाथ, टिहरी, चमोली, देहरादून और हरिद्वार जिलों में बादल फटने से 15 लोगों की मौत हो गई है। अब तक केदारनाथ के रास्ते से 7,234 तीर्थयात्रियों को बचाया गया है, जिनकी यात्रा बादल फटने के कारण स्थगित कर दी गई थी। मौसम में सुधार होते ही केदारनाथ बचाव अभियान आज फिर से शुरू होने वाला है, जिसका लक्ष्य फंसे हुए सभी तीर्थयात्रियों को निकालना है। केदारनाथ में फंसे 800 से अधिक तीर्थयात्रियों को आज हवाई मार्ग से और मैन्युअल रूप से बचाया जाना है।