गोधन न्याय योजना से हो रही है 3 लाख से अधिक महिलाएं लाभान्वित
रायपुर : आर्थिक मोर्चे पर तेज विकास के लिए किसी भी कार्यशील आबादी में पुरूषों के साथ महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने की दिशा में काम करना सबसे महत्वपूर्ण होता है। इस दिशा में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की योजनाओं से कार्यशील आबादी में महिलाओं का प्रतिशत तेजी से बढ़ा है।
गोधन न्याय योजना को ही लें जिसमें खेती के अतिरिक्त आय का जरिया ग्रामीणों को प्राप्त हुआ। इसके भागीदारों में 46 प्रतिशत से अधिक महिलाएं हैं।
इस तरह अकेले इसी योजना से एक लाख 71 हजार महिलाओं की आर्थिक स्थिति दुरूस्त हुई है। इस योजना के तहत गोबर बेचने तथा गौठान से जुड़ी आर्थिक गतिविधियों में 3 लाख से अधिक महिलाओं की सीधी सहभागिता है। ये महिलाएं आर्थिक गतिविधियों जुड़कर प्रदेश की प्रगति में अपना योगदान दे रही है।
गोधन न्याय योजना से छत्तीसगढ़ में विभिन्न वर्गाें को सम्बल मिल रहा है। इस योजना से 3 लाख 41 हजार 713 पशुपालक लाभान्वित हुए हैं, इन सब में विशेष बात यह है
कि इनमें 46 प्रतिशत से अधिक महिलाओं की सहभागिता है। महिलाएं गोबर बेचकर एक अच्छी आय अर्जित कर रही है। साथ ही अपने परिवार को सहारा भी प्रदान कर रही है। कहीं उन्होंने गोबर बेचकर अपने लिए दो पहिया वाहन खरीदे, तो कहीं उन्होंने अपने परिवार के लिए मकान बनाने में मदद की है।
इस योजना से जुड़कर महिलाओं में आत्मविश्वास जागा है। यहीं नहीं वे गौठानों में संचालित गतिविधियों में कार्य कर रही है। प्रदेश में 10 हजार 426 गौठान स्वीकृत हैं,
जिसमें 10 हजार 206 गौठान का निर्माण किया जा चुका है। इन गौठानों में समुदायिक बाड़ी, मशरूम उत्पादन, मछली पालन, मुर्गी पालन, सब्जी उत्पादन के साथ गुलाल एवं गौ-काष्ठ का निर्माण विभिन्न समूहों द्वारा किया जा रहा है। इन समूहों की सदस्य महिलाएं हैं, जो अपनी आर्थिक गतिविधियों से अतिरिक्त आय अर्जित कर रही है।
प्रदेश में 14 हजार 504 स्व-सहायता समूह हैं। जिनमें एक लाख 71 हजार 585 सदस्य विभिन्न गतिविधियों में शामिल हैं। यह सदस्य आर्थिक गतिविधियों से अब तक 131 करोड़ 46 लाख रूपए की राशि कमा चुके हैं। ये महिलाएं प्रसन्न है और मुख्यमंत्री को धन्यवाद दे रही है