रायपुर : विशेष लेख : महिलाओं की कार्यकुशलता को नई पहचान देने और उद्यम से जोड़ने के लिए लागू की गई है राज्य महिला उद्यमिता नीति 2023-28…..
रायपुर : मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार ने महिलाओं की कार्यकुशलता को एक नई पहचान देने और उन्हें उद्यम से जोड़ने के लिए राज्य महिला उद्यमिता नीति 2023-28 लागू की है।
इस नीति के तहत महिलाओं को उद्योग स्थापित करने के लिए वित्तीय सहायता (ऋण) देने का प्रावधान किया गया है। इससे महिला कार्यबल में वृद्धि होने के साथ ही उद्योग एवं व्यापार में उनकी सहभागिता बढ़ेगी। इस नीति से महिलाओं के द्वारा शुरू किए गए स्टार्टअप की संख्या में भी तेजी से इजाफा होगा।
नीति के तहत महिला उद्यमियों के लिए प्रावधान
राज्य महिला उद्यमिता नीति 2023-28 के तहत महिला उद्यमियों के लिए विनिर्माण उद्यम परियोजनाओं के लिए 50 लाख रुपए तक के ऋण, सेवा उद्यम परियोजनाओं के लिए 25 लाख रुपए तक के ऋण तथा व्यवसाय उद्यम परियोजनाओं के लिए 10 लाख रुपए तक के ऋण के लिए प्रावधान किया गया है।
महिला उद्यमियों द्वारा प्रदेश में स्थापित उद्यमों को मिलेगा अनुदान
नीति के तहत महिला उद्यमियों द्वारा प्रदेश में स्थापित नवीन, विस्तारीकरण, सूक्ष्म, लघु एवं मध्य विनिर्माण व सेवा उद्यमों को आर्थिक निवेश प्रोत्साहन प्रदान किया जाएगा।
उद्यम में किए गए स्थायी पूंजी निवेश का 30-55 प्रतिशत तक स्थायी पूंजी निवेश अनुदान, उद्यमों के लिए प्राप्त किए गए सावधि ऋण तथा परियोजना प्रतिवेदन में प्रावधानित कार्यशील पूंजी (अधिकतम तीन माह की आवश्यकता के बराबर) पर 45 से 70 प्रतिशत और अधिकतम राशि 15 से 60 लाख रुपए तक ब्याज अनुदान दिया जाएगा।
नए उद्यमों की स्थापना के लिए 50 प्रतिशत, अधिकतम 75 लाख रुपए तक मार्जिन मनी अनुदान, नेट राज्य वस्तु एवं सेवा कर (नेट एसजीएसटी) प्रतिपूर्ति वाणिज्यिक उत्पादन शुरू करने के दिनांक से 6 से 16 वर्षों तक, विद्युत शुल्क, स्टाम्प शुल्क, परिवहन अनुदान, मण्डी शुल्क से छूट दी जाएगी।
महिला स्व-सहायता समूहों को अतिरिक्त आर्थिक निवेश प्रोत्साहन
महिला स्व-सहायता समूहों को अतिरिक्त आर्थिक निवेश प्रोत्साहन के रूप में अनुदानों में 5 प्रतिशत का अतिरिक्त अनुदान और छूट के मामलों में 1 वर्ष की अतिरिक्त समयावधि दी जाएगी। महिलाओं द्वारा स्थापित स्टार्ट-अप उद्यमों को औद्योगिक नीति 2019-24 के अंर्तगत घोषित स्टार्टअप पैकेज में 5 प्रतिशत अतिरिक्त अनुदान एवं छूट के मामलों में एक वर्ष अतिरिक्त छूट का प्रावधान है।