देश में कोविड-19 के बाद एक नई आफत,केरल में जीका वायरस के मिले 15 केस,दो राज्यों ने सीमा में बढ़ाई चौकसी

नई दिल्ली। देश में कोरोना महामारी के बीच अब जीका वायरस ने दस्तक दे दी है। केरल में जीका वायरस के 15 से अधिक मामलों की मामलों की पुष्टि हुई है। वायरस के खतरे को देखते हुए तमिलनाडु और कर्नाटक ने अपने यहां सख्ती बढ़ा दी है। केरल से लगती सीमाओं पर कड़ी जांच के साथ ही ई-पास अनिवार्य कर दिया गया है।

तमिलनाडु के वालयार और मीनाक्षीपुरम में 14 रणनीतिक बिंदुओं और जांच चौकियों पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। वाहनों की जांच तेज कर दी गई है। केरल से तमिलनाडु जाने वाले लोगों के लिए ई-पास अनिवार्य कर दिया गया है। कर्नाटक भी केरल से आने वाले पर्यटकों की जांच की जा रही है।

जीका वायरस का पहला मामला तिरुवनंतपुरम में आया है, जहां एक 24 वर्षीय गर्भवती महिला इसकी चपेट में आई। स्वास्थ्य अधिकारियों का कहना है कि गर्भवती महिला की हालत स्थिर है और उसने 7 जुलाई को बच्चे को जन्म दिया है। इसके बाद से अब तक 15 मामले आ चुके हैं. सभी मामले तिरुवनंतपुरम जिले के हैं।

जीका वायरस के प्रकोप की सूचना मिलने के बाद केंद्र सरकार ने विशेषज्ञों की एक टीम केरल भेजी है। संयुक्त सचिव (स्वास्थ्य मंत्रालय) लव अग्रवाल के अनुसार, छह सदस्यीय टीम में वायरस जनित रोग विशेषज्ञ और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के डॉक्टर शामिल हैं।

बता दें कि केरल में अब तक जीका वायरस के 15 मामलों की पुष्टि की गई है। केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने कहा कि उनकी सरकार जिला और राज्य स्तर पर वायरस को नियंत्रण करने वाली इकाइयों को मजबूत करेगी। केरल सरकार ने जीका वायरस के प्रकोप को रोकने के लिए का कार्य योजना तैयार की है। राज्य की स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि स्थिति पर बारीकी से नजर रखी जा रही है।

क्या है जीका वायरस

जीका वायरस संक्रमण एक मच्छर जनित वायरल संक्रमण है। यह मच्छरों की एडीज प्रजाति द्वारा फैलता है। आमतौर पर एडीज एजिप्टी और एडीज एल्बोपिक्टस इसके लिए जिम्मेदार होते हैं। एडीज मच्छर डेंगू और चिकनगुनिया के वायरस भी फैलाते हैं। जीका वायरस से संक्रमित व्यक्ति के खून को खाने से मच्छर संक्रमित हो जाता है। मच्छर तब अपने काटने से दूसरे लोगों में वायरस फैलाने में सक्षम होता है। जीका वायरस गर्भवती होने पर संक्रमित महिलाओं से पैदा हुए बच्चों में माइक्रोसेफली पैदा कर सकता है। माइक्रोसेफली एक दुर्लभ जन्म दोष है, जिसमें बच्चे का सिर अपेक्षा से छोटा होता है, जो मस्तिष्क के विकास की समस्याओं से संबंधित हो सकता है।

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