सुकमा। जिले की घटना ने भूपेश सरकार की पोल खोल दी है। धर्मांतरण को उद्योग का दर्जा देकर धर्मांतरित हिंदू को रोजगार की गारंटी देने वाले ईसाई मिशनरियों को संरक्षण देकर सरकार ने अपनी नीयत साफ कर दी है।विदेशी षड्यंत्रकारी शक्तियों की कठपुतली भूपेश सरकार की मुख्य उपलब्धि धर्मांतरण को उद्योग का दर्जा दिलवाना है।
प्रबल प्रताप ने बताया कि सरकार की मनसा छत्तीसगढ़ की डेमोग्राफी बदलना है ताकि उनका वोट बैंक बढ़ाया जा सके और विदेशी षड्यंतकारियों से आर्थिक मदद ली जा सके।सब जानते हैं देश के जिस क्षेत्र में हिदू अल्पमत में आये हैं वह क्षेत्र फिरकापरस्ती का शिकार हुआ है।यही कांग्रेस सरकार की मनसा है।
उन्होंने बताया की अब पानी सर से ऊपर चला गया है सरकार को आगाह करते हुए उन्होंने कहा कि वे छत्तीसगढ़ को सांप्रदायिकता की आग में जलने नहीं देंगे। अब आखिरी संघर्ष होगा और धर्मांतरण करनेवाली वाली विघटनकारी शक्तियों को कुचल दिया जाएगा। बहुत जल्द जशपुर में इसके विरुद्ध एक दिवसीय धरने के साथ इसके विरोध का आगाज होगा जो पूरे प्रदेश में किया जायेगा। एक एक धर्मांतरित हिंदू की पहचान कर उनकी घरवापासी होगी।
उन्होंने कहा जबतक धर्मांतरित व्यक्तियों को आरक्षण के लाभ से वंचित नहीं किया जाएगा तबतक यह धर्मांतरण का खेल जारी रहेगा। उन्होंने केंद्र सरकार से धर्मांतरण के विरुद्ध कानून बनाकर ऐसे लाभों से धर्मांतरित व्यक्ति को वंचित करने की अपनी मांग दुहराई।