• स्पेशल DG जुनेजा, दुर्ग IG और रायपुर IG बने जांच अधिकारी
• सरेंडर नक्सली से लेन-देन के तथ्य ACB को मिले थे
रायपुर। निलंबित ADG जीपी सिंह पर जांच का शिकंजा कसता जा रहा है। पुराने विवादित मामलों के जिन बाहर आ रहे हैं जाहिर है तैयारी जीपी सिंह को हर तरफ से घेरने की है। 1 जुलाई को ACB के छापे के बाद दैनिक भास्कर ने बताया था कि दुर्ग आईजी रहने के दौरान जीपी सिंह ने सरेंडर नक्सली लीडर के बीच कथित डील की बातें सामने आई थीं। सच क्या है और झूट क्या अब इसकी जांच की जाएगी। इसके अलावा साल 2013 में रायपुर के देवेंद्र इलाके के एक युवक पर हमला और साल 2016 में सामाजिक कार्यकर्ता मनजीत कौर बल से जुड़े केस में भी फिर से जांच करने की तैयारी है। स्पेशल डीजी अशोक जुनेजा, दुर्ग आईजी विवेकानंद सिन्हा और रायपुर आईजी आनंद छाबड़ा को अब जांच अधिकारी बनाया गया है।
- ये है पूरा मामला
देवेंद्र नगर में रहने वाले दुर्लभ कुमार अग्रवाल नाम के युवक ने साल 2013 में शिकायत की थी। आरोप लगा था कि तब रायपुर के SP ऑफिस में एसपी रहे ओपी पाल और DSP अर्चना झा ने उसके साथ मारपीट की थी। इस केस को बिना जांच के जीपी सिंह ने रफा दफा कर दिया। इस घटना की जांच स्पेशल डीजी अशोक जुनेजा करेंगे।
जब साल 2016 में जीपी सिंह दुर्ग आईजी थे तो नक्सली लीडर पहाड़ सिंह ने सरेंडर किया था। ACB की छापेमारी में ये पता चला कि पहाड़ सिंह से करोड़ों रुपयों का हिसाब-किताब मिला था। चर्चा है कि पहाड़ सिंह के पास मिले रुपयों को कुछ कारोबारियों के पास रखा गया था जीपी सिंह ने उन कारोबारियों से रुपए लेकर उन्हें डराया था। इस मामले में छानबीन मौजूदा दुर्ग आईजी विवेकानंद सिन्हा करेंगे। इसका खुलासा सबसे पहले भास्कर ने अपनी डिटेल रिपोर्ट में किया था।
सामाजिक कार्यकर्ता मनजीत कौर बल की भी एक शिकायत है। उनके मुताबिक कुछ आपराधिक मामलों में आरोपी कमलाकांत तिवारी को बचाने की कोशिश जीपी सिंह ने की थी। रायपुर रेंज के आईजी आनंद छाबड़ा इस केस की तहकीकात करेंगे।
- जीपी सिंह केस में अब तक क्या-क्या हुआ
जीपी सिंह भारतीय पुलिस सेवा के पहले अफसर हैं, जिन पर प्रदेश में राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया है। ACB ने सिंह के पुलिस लाइन स्थित सरकारी बंगले पर 1 जुलाई की सुबह 6 बजे छापा मारा था।
इसके साथ ही 15 अन्य ठिकानों पर भी एक साथ कार्रवाई की गई थी। करीब 68 घंटे से भी ज्यादा समय तक चली कार्रवाई के दौरान 10 करोड़ की अघोषित संपत्ति के साथ बंगले के पीछे गटर से कई डॉक्यूमेंट्स मिले थे। इन्हें ही राजद्रोह के लिए साक्ष्य माना गया है
छापे में शुरूआती जांच के बाद जीपी सिंह पर आय से अधिक संपत्ति मामले में FIR दर्ज की गई। पहले दिन जांच के बाद 5 करोड़ की चल-अचल संपत्ति का खुलासा हुआ। तीन दिनों तक जांच में 10 करोड़ की संपत्ति मिलने और इसके बढ़ने की आधिकारिक जानकारी दी गई।
इनके कारोबारी मित्र प्रीतपाल सिंह चंडोक के बेडरूम से 13 लाख रुपए के बंडल।
राजनांदगांव में चार्टर्ड अकाउंटेंट राजेश बाफना के ऑफिस से जीपी सिंह की पत्नी और बेटों के नाम 79 बीमा दस्तावेज मिले थे। जीपी सिंह को सरकार ने अब निलंबित कर दिया है। 13 जुलाई गुरुवार को उनके घर की तलाशी लेकर पुलिस ने कंप्यूटर, लैपटॉप और कई तरह के दस्तावेज जब्त किए हैं। अब पुलिस राजद्रोह केस में जांच कर रही है, ACB भ्रष्टाचार के मामले में जांच कर रही है। भ्रष्टाचार मामले में निलंबित ADG हाईकोर्ट से CBI जांच की मांग कर चुके हैं। इस पर जल्द ही सुनवाई होगी। हाईकोर्ट इस मामले में सरकार का पक्ष भी सुनेगी।