CM के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने पहुंचा IAS

4 घंटे लंबे इंतजार के बाद आवेदन स्वीकार किया मगर एफआईआर नही हुई

पटना। बिहार कर्मचारी चयन आयोग (BSSC) के पूर्व चेयरमैन और घोटाले के आरोप में जेल जा चुके IAS अधिकारी सुधीर कुमार आज शनिवार को पटना के एससी/एसटी थाने में हाई प्रोफाइल नेताओं और पुलिस अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के लिए पहुंचे। थाने में उनकी एफआईआर तो दर्ज नहीं हुई मगर पुलिस ने उनके आवेदन को स्वीकार कर लिया है। इसके लिए वे थाने में करीब चार घंटे बैठे रहे। सुधीर कुमार ने मीडिया को बताया कि वो आज दोपहर 12 बजे से इंतजार कर रहे हैं मगर FIR दर्ज नहीं की गई, सिर्फ एक रसीद मिली है,उन्होंने कहा कि मामला धोखाधड़ी, फर्जी कागजात बनाने, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और अन्यों के खिलाफ सबूतों से संबंधित है। उन्होंने कहा कि मैंने ऊपर तक के लोगों पर केस दर्ज करने का आवेदन दिया है। पूछने पर कि ऊपर तक के कौन…क्या मुख्यमंत्री नीतीश कुमार? इसका जवाब उन्होंने हां कहकर दिया है।

सुधीर कुमार ने कहा कि आईपीएस अधिकारी, पटना के पूर्व एसएसपी मनु महाराज के खिलाफ भी फर्जीवाड़ा, जाली कागजात सहित कई मामलों में केस दर्ज करवाने के आवेदन दिए, आवेदन अंग्रेजी में होने की वजह से पुलिस इंस्पेक्टर अरुण कुमार ने कहा कि इसे पढ़ने के बाद ही कुछ हो पाएगा। मामले में बिहार सदन में विपक्ष के नेता तेजस्वी कुमार ने नीतीश सरकार पर निशाना साधा है, उन्होंने कहा कि बिहार सरकार में एक IAS अधिकारी जो मुख्य सचिव के पद पर है, 5-6 घंटे से थाने में बैठे रहे। थाने में उनकी FIR दर्ज नहीं हुई, एक मुख्य सचिव स्तर का अधिकारी पूरे सबूतों के साथ मुख्यमंत्री और उनके अधिकारियों पर FIR करने पहुंचता है लेकिन FIR दर्ज नहीं होती। उन्होंने कहा कि हमने नहीं देखा कि इस तरह से मुख्यमंत्री पर आरोप लगता हो और तानाशाही रवैया अपनाया जा रहा हो। शिकायत दर्ज नहीं हो रही,शिकायत दर्ज कर लीजिए फिर पता चल जाएगा की क्या मामला है, इसमें डर किस बात का है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को सामने आकर बताना चाहिए।

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