बिलासपुर। जूट सुतली की खरीदी इस बरस भी महंगी पड़ेगी। जूट का विकल्प प्लास्टिक सुतली भी ऊंचे दाम पर ही पहुंच पाएगा। पश्चिम बंगाल के उत्पादक क्षेत्र में इस बरस जूट की खेती के रकबे में गिरावट की खबर आ रही है। इसके अलावा डीजल की बढ़ती कीमत के बाद परिवहन दरें भी बढ़ रही हैं। लिहाजा इन दोनों की खरीदी पर, किसानों और मिलर्स को अच्छी-खासी रकम खर्च करनी पड़ेगी।
कोरोना, लॉकडाउन, अनिश्चित मौसम और डीजल की बढ़त लेती कीमतों ने मिलकर जूट की खेती करने वाले किसानों की कमर तोड़ कर रख दी है। बीते बरस से जूट और प्लास्टिक की सुतली की बढ़ रही कीमत अभी भी जारी है। खरीफ फसल की बोनी के बाद फुर्सत की सांस लेता किसान चिंतित है क्योंकि अब उसे बारदाने और सुतली की खरीदी के लिए पैसों की व्यवस्था करनी है। जूट और प्लास्टिक की सुतली व बारदाने की कीमत सुनकर होश उड़ने लगे हैं क्योंकि दर लगभग 10 फ़ीसदी ज्यादा बताई जा रही है।
• बुरा हाल उत्पादक क्षेत्र का
जूट उत्पादन के लिए पश्चिम बंगाल को पहचाना जाता है। यहां बीते बरस खेती, प्रतिकूल माहौल में करनी पड़ी। कोरोना और मौसम की प्रतिकूलता ने उत्पादन पर गहरा असर डाला। जो कसर बची, उसे लॉकडाउन ने पूरा कर दिया। इससे बाजार तक पहुंच नहीं बन पाई। जो पहुंची, वह मांग को पूरा करने में सफल नहीं रही। हालात इस बरस भी वैसे ही बने हुए हैं।
• प्लास्टिक के दाने में गर्मी
प्लास्टिक की सुतली के लिए जरूरी कच्चा माल याने प्लास्टिक के दाने की खरीदी, गुजरात की इकाइयों को ऊंची कीमत पर करनी पड़ रही है। इसका असर, तैयार उत्पादन पर पड़ चुका है। सुतली और प्लास्टिक बैग की खरीदी के लिए होलसेल और रिटेल मार्केट को अच्छी-खासी रकम खर्च करनी पड़ रही है, यानी किसान और मिलर्स, दोनों को ऊंची कीमत पर यह दोनों सामग्री मिल पाएगी।
• भाव खुला सुतली का
कटे-फटे जूट बैग की मरम्मत के काम आने वाली सुतली की खरीदी इस बार 110 से 120 रुपए किलो की दर पर करनी पड़ेगी। बीते बरस यह 90 से 100 रुपए किलो पर थी। सिलाई वाली जूट सुतली की खरीदी इस बरस 130 रुपए किलो पर करनी होगी। बीते साल यह 100 रुपए किलो पर थी। प्लास्टिक की सुतली, गुजरे साल 60 से 120 रुपए किलो में मिल रही थी। इसकी खरीदी इस बार 70 से 130 रुपए में करनी पड़ेगी। बता दें कि बैग बनाने वाली इकाइयों ने जूट और प्लास्टिक बैग की कीमत जारी नहीं की है।
“कोरोना, लॉकडाउन, मौसम और डीजल की बढ़ी हुई कीमत का असर जूट और प्लास्टिक के इन दोनों उत्पादनों पर देखा जा रहा है। दोनों किस्म की सुतली की नई कीमत प्रभावी हो चुकी है”।
- मोहन बजाज, संचालक, बजाज रस्सीवाला, बिलासपुर