मुंगेली। तहसील में छोटे स्टाम्प की कमी के कारण लोग काफी परेशान हैं। लगभग एक महीने से छोटे मूल्य के स्टाम्प का अभाव चल रहा है। बैक, लाइसेंस नवीनीकरण और विभिन्न कार्यो में शपथपत्र बनवाने के लिए लोगों को जेब ढीली करनी पड़ रही है। तहसील में लगभग 20 स्टाम्प वेंडर है। प्रतिदिन लगभग 2000 नग छोटे मूल्य के स्टाम्प की बिक्री होती है। इस हिसाब से प्रतिमाह 50 हजार नग छोटे मूल्य के स्टाम्प की बिक्री होती है।
जानकारी के मुताबिक प्रतिमाह कोषागार से अगर पांच,दस, बीस, पचास का स्टाम्प भूले भटके रहने पर निकलता भी है तो वह ऊँट के मुह में जीरा साबित होता है।
आम नागरिक गोपी नारवानी का कहना है कि अनेक कार्यो के लिए हलफनामा लगाने एवं अन्य शासकीय कार्यों के लिए सैकड़ों लोगों को छोटे स्टाम्प की जरूरत पड़ती है मगर हर दिन तहसील में छोटे स्टाम्प की भयंकर किल्लत और कालाबाजारी भी हो रही है। इसी प्रकार छात्र छात्राओं को ,असलहा के नवीनीकरण में ,तथा अन्य कार्यों में भी 10 रुपये के स्टॉम्प की जरूरत होती है। मगर स्टॉम्प का अभाव लगातार बना है। अभाव के कारण जहाँ बड़े मूल्य के स्टॉम्प का उपयोग करने के लिए लोग मजबूर होते हैं वही पर अधिक मूल्य भी चुकता करना पड़ता है।
पड़ताल में सामने आया कि जब स्टाम्प भरपूर उपलब्ध होने के बावजूद जान-बूझकर किल्लत का राग अलापा जा रहा है। पैसा ऐंठने के लिए लोगों को पहले मना किया जाता है, फिर 100 की बजाय 500 रुपए वाला स्टाम्प लेने का दबाव बनाया जाता है। बाद में अधिक राशि देने पर 100 रुपए वाला स्टाम्प उपलब्ध करा दिया जाता है।