अंबिकापुर। छत्तीसगढ़ के अंबिकापुर जिले के मेडिकल कॉलेज अस्पताल में 4 नवजात बच्चों की मौत हो गई। इस मामले में प्रदेश के स्वस्थ मंत्री ने टी. एस. सिंहदेव ने 48 घंटे के भीतर जिम्मेदारों पर कार्रवाई करने की बात कही है। टीएस सिंहदेव ने कहा कि सीनियर डॉक्टरों की जवाबदारी तय होगी। समय पर ड्यूटी को लेकर भी जवाबदारी तय होगी। मांगने के बाद भी ड्यूटी रोस्टर नहीं मिला है। उन्होंने कहा कि ड्यूटी पर जिन्हें होना था वो नहीं थे।
48 घंटे के भीतर जिम्मेदारों पर कार्रवाई होगी
चार नवजात शिशुओं की मृत्यु के कारणों तथा अस्पताल प्रबंधन की भूमिका की पड़ताल करने सोमवार को एसएनसीयू अम्बिकापुर पहुंचे। उन्होंने करीब एक घंटे तक अंबिकापुर शासकीय चिकित्सा महाविद्यालय से संबद्ध एसएनसीयू में कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक, मेडिकल कॉलेज के डीन, मेडिकल सुपरिटेंडेंट, सीएमएचओ, अस्पताल कंसल्टेंट, एचओडी तथा ड्यूटी डॉक्टर से चार नवजातों की मृत्यु के संबंध में अलग-अलग पहलुओं पर विस्तार से जानकारी ली। स्वस्थ मंत्री सिंहदेव ने नवजातों की मृत्यु को संवेदनशील एवं गम्भीर बताते हुए जिम्मेदारों पर कड़ी कार्रवाई करने तथा 48 घंटे के भीतर जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि जांच में जिसकी भी लापरवाही सामने आएगी, उस पर निलंबन की कार्रवाई की जाएगी।
बता दे कि राजमाता देवेंद्र कुमारी सिंहदेव मेडिकल कॉलेज अस्पताल के मातृ-शिशु अस्पताल के एसएनसीयू वार्ड में कई नवजात बच्चे भर्ती थे। रविवार की रात करीब 11 बजे अस्पताल की बिजली अचानक गुल हो गई। करीब 4 घंटे बाद जब बिजली आई तो एक-एक कर 4 नवजातों की सांसें थम चुकी थीं। परिजनों का कहना है कि अस्पताल में लाइट गुल होने के बाद अफरा-तफरी मच गई थी। वार्मर ने काम करना बंद कर दिया था। जब लाइट आई तो बच्चों को वार्मर पर रखा गया। इसके बाद बच्चों की मौत होनी शुरु हो गई।
बिजली गुल होने के बाद अफरा-तफरी
रात में बिजली गुल हो जाने के बाद वहां अफरा-तफरी मच गई। इस दौरान एसएनसीयू की नर्सों द्वारा वहां भर्ती बच्चों को उनके परिजनों को दे दिया गया, क्योंकि वार्मर ने काम करना बंद कर दिया था। इस दौरान स्टाफ नर्स ने सभी परिजनों से कहा कि वे अपने बच्चों को सीने से लगाकर तथा कंबल से ढंक कर रखें। लाइट आने के बाद दोबारा बच्चों को वार्मर पर रखा गया
काले झंडे दिखाने वालों के पास पहुंचे सिंहदेव
वहीं बच्चों की मौत की घटना पर भाजपा ने प्रदर्शन किया। स्वास्थ्य मंत्री के आने की खबर मिलते ही कार्यकर्ता मेडिकल कॉलेज के सामने पहुंच गए। वहां स्वास्थ्य मंत्री सिंहदेव के आते ही उन्हें काले झंडे दिखाते हुए नारेबाजी की। इस पर मंत्री सिंहदेव गाड़ी से उतरकर काले झंडे दिखा रहे भाजपाइयों के पास पहुंच गए। उन्होंने कहा कि, मामले की जांच के आदेश दे दिए गए हैं। जांच के बाद ही पता चल सकेगा कि बच्चों की मौत क्यों हुई।
कांग्रेस सरकार में 25 हजार बच्चों की मौत
नेता प्रतिपक्षण नारायण चंदेल ने कहा कि, इस घटना की उच्चस्तरीय जांच हो और जो भी दोषी हो उस पर कड़ी कार्रवाई हो। उन्होंने कहा कि, जब से राज्य में कांग्रेस की सरकार बनी है 25 हजार से अधिक बच्चों की मौत हो चुकी है, जो कि दुर्भाग्यपूर्ण है। पूर्व मंत्री व भाजपा प्रदेश प्रवक्ता राजेश मूणत ने कहा कि, स्वास्थ्य मंत्री के क्षेत्र में यह लापरवाही बताती है कि प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था ठीक नहीं है। स्वास्थ्य विभाग की बैठक मुख्यमंत्री लेते हैं तो उसमें स्वास्थ्य मंत्री ही उपस्थित नहीं रहते। फिर स्वास्थ्य विभाग चला कौन रहा है। इस हादसे की जज या वरिष्ठ रिटायर्ड अधिकारी से जांच कराएं।
इस्तीफा दें स्वास्थ्य मंत्री
भाजपा प्रवक्ता अनुराग सिंह देव ने कहा कि, गंभीर परिस्थितियां हैं छत्तीसगढ़ में। अस्पताल प्रबंधन और सरकार की लापरवाही चरम पर है। सरगुजा में ठंड जाता है। कई बच्चे कार्डियक पेशेंट भी है। उनको ठंड से बचाने के लिए जो बैकअप देना चाहिए, वह वहां नहीं था। मेडिकल कॉलेज में यह लापरवाही जारी है। यहां की व्यवस्था अत्यंत दयनीय और जर्जर है। स्वासथ्य मंत्री को अपने पद से तत्काल इस्तीफा देना चाहिए। दोषी डॉक्टरों पर कार्रवाई हो और मृतक बच्चों के परिजनों को मुआवजा दिया जाए।