सरगुजा। संभाग में ठंड से बचाने के लिए बनाए गए रैन बसेरे काम नहीं आ रहे हैं. इसका दूसरी गतिविधियों के लिए प्रयोग हो रहा है।
Chhattisgarh News: सरगुजा संभाग में इन दिनों ठंड का क़हर चरम पर पहुंचता जा रहा है। वैसे भी सरगुजा संभाग के सभी ज़िले अपनी पहाड़ी और हरियाली के कारण पड़ने वाली ठंड के लिए चर्चा में रहती है, और इस ठंड की वजह से संभाग में हज़ारों लोग बीमार पड़ते हैं तो ठंड के कारण कई बार लोगों की मौत भी हो जाती है। इधर मुसाफ़िरों को ठंड बारिश और गर्मी से बचने के लिए कई साल पहले सरगुजा संभाग समेत समूचे छत्तीसगढ़ के ज़िला मुख्यालय से लेकर ब्लाक मुख्यालय तक रैन बसेरा बनाया गया था। लेकिन ये रैन बसेरा लोगों के रूकने के लिए काम नहीं आ रहे हैं। इसका दूसरी गतिविधियों के लिए प्रयोग हो रहा है।
बादलों पर उत्तरी हवा भारी, ठंड से राहत नहीं
दक्षिण में सक्रिय मैंडूस तूफान के असर से उत्तरी छत्तीसगढ़ में छाए बादलों के कारण ठंड से थोड़ी राहत तो मिली है लेकिन धूप-छांव के बीच उत्तर से ठंडी हवा चलने से लोगों को ठंड महसूस हो रही है। बादलों के चलते न्यूनतम तापमान में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। 24 घंटे के दौरान अंबिकापुर का न्यूनतम तापमान करीब डिग्री बढ़कर 13.2 डिग्री पहुंच गया है। यह शनिवार को 9.6 डिग्रीथा। मौसम विभाग के अनुसार दक्षिण की ओर से आ रही नमीयुक्त हवा से न्यूनतम तापमान में बढ़ोतरी हो रही है। इस बीच बारिश की आशंका को देखते हुए प्रशासन ने सभी धान खरीदी केेंद्रों में कैप कवर एवं तिरपाल की व्यवस्था करने एवं बोरियों को ढंकने के निर्देश दिए हैं।
पिछले कुछ दिनों से उत्तर छत्तीसगढ़ के सरगुजा संभाग इलाके में कड़ाके की ठंड पड़ रही थी। न्यूनतम तापमान आठ डिग्री के आसपास पहुंच गया था। ठंडी हवा चलने से लोगों को दिन में भी राहत नहीं मिल रही थी। दिन का तापमान भी 22 से 25 डिग्री के आसपास बना हुआ था। इस बीच बंगाल की खाड़ी और अंडमान सागर में सक्रिय हुए मैंडूस तूफान के कारण बादलों के आने का क्रम बना रहा। इस दौरान उत्तर दिशा से ठंडी हवा का प्रवाह बाधित नहीं होने के कारण लोगों को ठंड महसूस हो रही थी। मौसम विज्ञानी एएम भट्ट के अनुसार सोमवार से बादल साफ होने के बाद एक बार फिर से कड़ाके की ठंड पड़ेगी। इस दौरान न्यूनतम तापमान फिर से 10 डिग्री से नीचे पहुंचने की संभावना है। ।
मौसम की ये है स्थिति-
मौसम विज्ञानी एएम भट्ट के अनुसार उत्तर छत्तीसगढ़ में मैंडूस तूफान के कारण बादलों की स्थिति तथा हवाओं का क्रम दोनों ही बाधित हुए हैं। उत्त्तरी छोर से बादलों की सघनता में कमी होते जाने से उत्तरी हवाएं आ पा रही हैं। जबकि दक्षिण की ओर से तूफान के कारण दक्षिण की ओर बादलों की आवाजाही के साथ दक्षिण-पूर्वी अपेक्षाकृत गर्म हवाओं की आपूर्ति भी हो रही है। इससे वातावरण में विशेष तापीय अंतर नहीं दिखा है। लगातार दक्षिण पूर्वी नमीयुक्त हवा आ रही है जिससे न्यूनतम तापमान में वृद्धि की स्थिति रहेगी।
धान को बारिश से बचाने प्रशासन अलर्ट-
बारिश की आशंका को देखते हुए समितियों में धान को भीगने से बचाने के लिए सभी केंद्रों में पर्याप्त मात्रा में तिरपाल और कैप कवर की व्यवस्था की गई है। कलेक्टर कुंदन कुमार के निर्देश पर सभी उपार्जन केंद्रों में धान को अच्छी तरह तिरपाल से ढंका जा रहा है एवं ड्रेनेज भी बनाए गए है। कलेक्टर कुन्दन कुमार ने बारिश की संभावना को देखते हुए उपार्जन केंद्रों में धान को भीगने से बचाने के लिए अधिकारियों को अलर्ट रहने तथा धान को उपयुक्त तरीके से ढंक कर रखने के निर्देश दिए हैं। खाद्य अधिकारी रविन्द्र सोनी ने बताया है कि जिले के सभी 47 उपार्जन केंद्रों में धान के सुरक्षित रख-रखाव हेतु आवश्यक व्यवस्था कर ली गई है।