मुंगेली : मोर आवास मोर अधिकार आंदोलन को सफल बनाने तथा लोकसभा प्रवास कार्यक्रम के संबंध में प्रदेश भाजपा महामंत्री विजय शर्मा ने अटल परिसर जिला भाजपा कार्यालय में बैठक ली ।
प्रदेश महामंत्री एवं मोर आवास मोर अधिकार कार्यक्रम के प्रभारी विजय शर्मा ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी छत्तीसगढ़ के पात्र हितग्राहियों को प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ दिलवाने के लिए प्रदेश स्तर पर एक बड़ा आंदोलन करने जा रही है। पार्टी के मोर आवास मोर अधिकार के अंतर्गत ग्राम पंचायत स्तर से लेकर प्रदेश स्तर तक प्रधानमंत्री आवास से वंचित हितग्राहियों के साथ मिलकर आंदोलन की रूप रेखा तैयार किया जा रहा है।
उन्होंने आगे कहा कि वर्ष 2016 में प्रधानमंत्री आवास योजना प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू किया गया। इसका लक्ष्य था कि सभी कच्चे मकानों को पक्का करना और गरीबों को पक्का मकान उपलब्ध कराना इसके लिए ग्रामीण व नगरीय क्षेत्रों के हितग्राहियों को राशि मिलती है। भाजपा के शासन में बहुत लोगों के आवास बने,इसके बाद भूपेश बघेल की कांग्रेस सरकार आने के बाद हितग्राहियों को प्रधानमंत्री आवास का लाभ मिलना बंद हो गया है इसे फिर से नागरिकों को लाभ दिलवाना है।
विजय शर्मा ने भाजपा के लोकसभा प्रवास कार्यक्रम की भी जानकारी दी जिसके तहत मुंगेली जिले में पूर्वमुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह,पूर्व सांसद लखनलाल साहू,गुहाराम अजगले तथा विजय शर्मा प्रवास करेंगे। इसके लिए विधानसभा व मण्डल अथवा कार्यक्रम के विधा अनुरूप प्रभारी बनाए जा रहे हैं।
इससे पूर्व जिलाभाजपा अध्यक्ष शैलेश पाठक ने स्वागत भाषण करते हुए पार्टी के निर्देशों के अनुसार कार्यक्रम आयोजित करने व विधानसभा चुनाव में भाजपा की सरकार बनाने सक्रियता से जुट जाने की बात कही। संचालन जिलाभाजपा महामंत्री निश्चल गुप्ता व आभार जिलाभाजपा महामंत्री गुरमीत सलूजा ने किया। इस अवसर पर जिले के वरिष्ठ कार्यकर्ता गण उपस्थित रहे।
छत्तीसगढ़ का 12 लाख आवास वापस चला गया,अपने पक्के मकान से 12 लाख परिवार वंचित
2016 से 2018 तक छत्तीसगढ़ में भी भाजपा का सरकार था जिसके कारण प्रधानमंत्री आवास बनने में कोई दिक्कत नहीं हुआ। मक्काटोला एक पंचायत में ही 55 आवास तीन साल में बने लेकिन अभी कांग्रेस के चार साल में मात्र पांच आवास बने। जबसे छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार है अपना राज्यांश देने के लिए मना कर दिया जिससे चार सालों में
छत्तीसगढ़ का 12 लाख आवास वापस चला गया, जिसके कारण 12 लाख परिवारों के पक्के मकान नहीं बन सके।