झारखंड सरकार के इस फैसले से मुंगेली जैन समाज में खुशी की लहर छा गई
अब सम्मेद शिखर तीर्थ स्थल ही रहेगा, उसे पर्यटन स्थल घोषित नहीं किया जाएगा
मुंगेली। जैन समाज के महातीर्थ सम्मेद शिखर को पर्यटन स्थल घोषित करने के अपने फैसले को झारखंड सरकार ने वापस ले लिया है, अब सम्मेद शिखर तीर्थ स्थल ही रहेगा, उसे पर्यटन स्थल घोषित नहीं किया जाएगा, जैसे ही सरकार के इस फैसले की जानकारी मिली, वैसे ही जैन समाजजनों में खुशी की लहर छा गई है। श्वेताम्बर जैन समाज के वरिष्ट अनोपचंद बैद, अध्यक्ष कांतिलाल लोढ़ा, दिगम्बर जैन समाज के वरिष्ट सुभाषचंद जैन, अध्यक्ष शरदचंद जैन, साधुमार्गी जैन संघ के अध्यक्ष जेठमल कोटड़िया, कन्हैयालाल कोटड़िया, श्वेताम्बर जैन समाज के कोषाध्यक्ष नवरतन जैन,ट्रस्टीगण अशोक गोलछा, विनय चोपड़ा, महेंद्र पारख, मूलचंद छाजेड़, विनय लूनिया सहित सकल जैन समाज ने प्रसन्नता जाहिर की।
जानकारी के अनुसार जैन तीर्थ सम्मेद शिखर को पर्यटन स्थल घोषित करने के विरोध में बुधवार को मुंगेली जैन समाज सडक़ों पर उतर गया था, महिला, पुरुष, बच्चे युवा सभी सरकार के इस फैसले से नाराज थे, जिसके चलते छत्तीसगढ़ के विभिन्न शहरों में रैली निकालकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए झारखंड सरकार को इस फैसले को वापस लेने के लिए आवाज बुलंद की गई। जैन समाज के विरोध के चलते झारखंड सरकार को झुकना पड़ा।
झारखंड सीएम हेमंत सोरेन ने सम्मेद शिखर को पर्यटन स्थल घोषित करने का फैसला वापस ले लिया है, अब जैन तीर्थ सम्मेद शिखर तीर्थ स्थल के रूप में ही पहचाना जाएगा। सरकार के इस फैसले से जैन समाज में खुशी की लहर दौड़ गई है। सुबह से लेकर दोपहर तक जहां जैन समाज सरकार के फैसले से नाराज थे, वहीं दोपहर में जैसे ही झारखंड सरकार ने अपने इस फैसले को वापस ले लिया, जैन समाज में खुशी की लहर नजर आने लगी।
आपको बतादें कि जिस दिन से झारखंड के गिरिडीह स्थित जैन तीर्थ सम्मेद शिखर जी को पर्यटन स्थल बनाने का नोटिफिकेशन जारी हुआ था, तभी से जैन समाज का विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया था, बुधवार को तो जैन समाजजनों ने अपने काम धंधे बंद करके धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया था, इसी के साथ विशाल रैली निकालकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की, जैन समाज को इस संघर्ष का लाभ् मिला और सरकार को जैन समाज के आगे झुकने पर मजबूर होना पड़ा।