पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा का किया अनावरण
बिलासपुर। राज्यपाल सुश्री अनुसूईया उईके (Governor Ms. Anusuiya Uike)आज यहां अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित तीन दिवसीय ‘कुल उत्सव’ के समापन समारोह में शामिल हुई। उन्होंने विश्वविद्यालय परिसर में पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी की आदमकद प्रतिमा का अनावरण किया।
आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर छत्तीसगढ़ के 75 स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के नामयुक्त शिलालेख का भी लोकार्पण किया। सुश्री उईके ने विश्वविद्यालय स्तर पर आयोजित छत्तीसगढ़ी खेलकूद एवं संस्कृति पर आधारित विभिन्न प्रतियोगिताओं के विजेता प्रतिभागियों को पुरस्कार एवं प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया।
विश्वविद्यालय की पत्रिका ‘कन्हार’ सहित कई प्रकाशनों का विमोचन
इस अवसर पर विश्वविद्यालय की त्रैमासिक पत्रिका ‘कन्हार’ के नये अंक सहित विभिन्न प्रकाशनों का विमोचन भी किया। उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कार्यक्रम से जुड़कर समारोह की अध्यक्षता की। इस अवसर पर संसदीय सचिव श्रीमती रश्मि आशीष सिंह, सांसद अरूण साव, पूर्व मुख्य न्यायाधीश सतीश अग्निहोत्री, विधायक बिलासपुर शैलेश पाण्डेय, बेलतरा विधायक रजनीश सिंह एवं कुलपति आचार्य अरूण दीवाकर नाथ वाजपेयी विशेष अतिथि के रूप में उपस्थित थे।
राज्यपाल सुश्री उईके ने मां सरस्वती की छायाचित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलित कर समारोह का शुभारंभ किया। राष्ट्रगीत, राजगीत एवं विश्वविद्यालय की कुलगीत का सम्मानपूर्वक गायन हुआ। सुश्री उईके ने जयंती पर अटल बिहारी वाजपेयी एवं पण्डित मदनमोहन मालवीय को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनका नमन किया। उन्होंने कहा कि अटल जी सच्चे जननायक थे। सभी वर्ग में उनकी समान रूप से स्वीकार्यता थी। जटिल विषयों पर भी वे देशहित में त्वरित निर्णय लेते थे। देश के प्रति उनका योगदान सदैव स्मरणीय रहेगा। उन्होंने अटल जी की प्रतिमा से प्रेरणा लेकर देश को नयी बुलंदियों पर ले जाने के लिए छात्रों और युवाओं का आह्वान किया। उन्होंने अटल जी के साथ बिताये महत्वपूर्ण अवसरों को लोगों के साथ शेयर किया। उन्होंने शैक्षणिक एवं अन्य उपलब्धियां हासिल करने के लिए विश्वविद्यालय प्रशासन को बधाई एवं शुभकामनाएं दी।
मुख्य वक्ता एवं पूर्व मुख्य न्यायाधीश सतीश अग्निहोत्री ने कहा कि अटल जी सही मायने में राजनेता थे। वसुधैव कुटुम्बकम के भारतीय दर्शन पर उनका अटूट विश्वास था। संपूर्ण मानवता के कल्याण के लिए उन्होंने काम किया। उन्होंने कई उदाहरण देकर वसुधैव कुटुम्बकम का वास्तविक अर्थ भी समझाया। कुलपति आचार्य अरूण दीवाकर नाथ वाजपेयी ने स्वागत भाषण एवं प्रतिवेदन प्रस्तुत किया। उन्होंने पौधे एवं छत्तीसगढ़ी व्यंजनों से युक्त टोकरी भेंटकर अतिथियों का स्वागत किया। उन्होंने इस अवसर पर विश्वविद्यालय की शैक्षणिक एवं अन्य क्षेत्रों में विशिष्ट उपलब्धियों की जानकारी से समारोह को अवगत कराया। आभार ज्ञापन कुलसचिव शैलेन्द्र दुबे ने आभार ज्ञापन किया। इस अवसर पर नंदकुमार पटेल विश्वविद्यालय के कुलपति एलपी पटेरिया, सुन्दरलाल शर्मा विश्वविद्यालय के कुलपति वंशगोपाल सिंह सहित बड़ी संख्या में विश्वविद्यालय के प्रोफेसर, छात्र-छात्राएं एवं नागरिक गण उपस्थित थे।
खेलकूद एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों के विजेताओं को बांटे पुरस्कार