घर में चल रही थी शादी की तैयारी,अचानक आई मौत की खबर
धमतरी। जिले का खरेंगा जवानों का गांव है। यहां करीब 25 से 30 युवा देश सेवा के लिए फौज में ड्यूटी कर रहे हैं। गांव के किसी युवा फौजी के शहीद होने की यह पहली घटना है। जवान का पार्थिव शरीर 30 दिसंबर को पैतृक निवास धमतरी के गांव खरेंगा पहुंचेगा।
छत्तीसगढ़ का बेटा मनीष नेताम बुधवार को लद्दाख में शहीद हो गया। उसकी तैनाती चीन सीमा पर थी। कड़ाके की ठंड में मनीष की तबीयत बिगड़ गई। इसके बाद उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन इलाज के दौरान मनीष ने दम तोड़ दिया। मनीष अपने माता-पिता का इकलौता बेटा था। जवान का पार्थिव शरीर 30 दिसंबर को पैतृक निवास धमतरी के गांव खरेंगा पहुंचेगा। मनीष की मौत की सूचना पर गांव में शोक व्याप्त है।
दो माह पहले ही आया था बहन की शादी में
धमतरी से लगे छोटे से गांव खरेंगा निवासी राजेंद्र नेताम का बेटे मनीष की शादी की तैयारी चल रही थी। इसी बीच उसकी मौत की खबर घर पहुंची। इसके बाद से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। मनीष एक गरीब परिवार से था। उसकी एक बहन है। जिसकी शादी करीब दो माह पहले ही मनीष के एक दोस्त से ही हुई है। वह भी सेना में जवान है। शादी के दौरान ही मनीष घर आया था। इसके बाद बहन को विदा कर ड्यूटी पर लौट गया।
माइनस 40 डिग्री में कर रहा था बर्फीले पहाड़ पर ड्यूटी
मनीष ने साल 2019 में ही फौज ज्वाइन कर ली थी। वह मराठा रेजीमेंट में था और लेह लद्याख मे डयूटी कर रहा था। बताया जा रहा है कि लेह लद्दाख में जहां सीमा पर जवानों की तैनाती होती है, वहां ऑक्सीजन की काफी कमी है। ठंड के मौसम में तापमान माइनस 40 डिग्री तक पहुंच जाता है। मनीष भी इन्हीं जवानों के साथ बर्फीली पहाड़ी पर ड्यूटी कर रहा था। इसी दौरान उसकी तबीयत बिगड़ गई। सांस लेने में तकलीफ होने लगी।
कल गांव पहुंचेगा जवान का शव
मनीष के फ्रेंड बताते है कि पढ़ाई समय से ही वह समाज और देश सेवा की ही बात करता रहता था। इसी बीच वह सेना मे शामिल हो गया। उसके अंदर बचपन से ही देश भक्ति का जज्बा था। जवान का शव पहुंचने के बाद ससम्मान से उसे अंतिम विदाई दी जाएगी। गुरूवार को गांव मे मंडई मेले का आयोजन किया गया था। जवान के शहीद होने की खबर मिलते ही गांव में बैठक कर मेला कैंसिल कर दिया गया है।