रायपुर/अम्बिकापुर। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ कथित मनमुटाव के बीच प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने गुरुवार को एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि इस बार चुनाव लड़ने का वैसा मन नहीं है जैसा पहले रहता था। हालांकि उन्होंने कहा कि वह कोई भी फैसला लेने से पहले अपने समर्थकों से पूछेंगे।
मंत्री टीएस सिंहदेव के लगातार अलग अलग नए बयानबाजी के बाद आमजनमानस के बीच तरह तरह की चर्चाएं होना स्वाभाविक है कुछ लोगों का यह भी मान लेना कि मंत्री टीएस सिंहदेव ने अपने पूरे राजनैतिक जीवन मे ऐसा कभी नही देखा सुना जो उनके ही सत्ता में इन 4 सालों में देखने को मिला जिसके बाद निश्चित रूप से विपक्षी दलों का मंत्री टीएस सिंहदेव के अंदरूनी मन को टटोलने व नए राजनैतिक भविष्य के लिए योजना बनाने की कवायद शुरू हो गई हो मगर अभी कोई तथ्य बात स्पष्ट खुलकर नही सामने आ रही है।
राजनैतिक गलियारों में यह भी चर्चा हो रही है कि स्वयं मंत्री टीएस सिंहदेव अपने को ऑन फ्रंट न रखते हुए किसी और या अपने उत्तराधिकारी के लिए सटीक राजनैतिक भविष्य के साथ किसी एक नई पारी की शुरुआत कर सकते हैं जिसमे भले ही वे स्वयं कोई प्रत्यक्ष चुनाव न भी लड़े मगर फिर भी उन्हें भविष्य के हिसाब से केंद्र अथवा छत्तीसगढ़ राज्य में पद व मंत्री पद मिलना संभव हो तब वे अपने उत्तराधिकारी व समर्थकों के लिए कोई भी ऐतिहासिक निर्णय कर ले भले ही वो वर्तमान की उनकी पार्टी कांग्रेस के विपरीत भी हो तो कोई ताज्जुब की बात नहीं। इसके अलावा यह भी हो सकता है कि सरगुजा क्षेत्र के अम्बिकापुर में इस बार उनका आंतरिक सर्वे आंकलन उनके अनुकूल न हो जिस हिसाब से भी मंत्री टीएस सिंहदेव चुनाव लड़ने के लिए इंकार कर रहे हो, बहरहाल अभी ये सभी बातें भविष्य के गर्भ में है। अब देखना यह भी होगा कि बाबा अपना भावी फैसला शुभचिंतको,समर्थकों व कार्यकर्ताओं के साथ क्या करते हैं।
बता दें स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने इसी महीने की 20 तारीख को कहा था कि वह 2023 में होने वाले राज्य विधानसभा चुनावों से पहले अपने भविष्य के बारे में फैसला करेंगे। उनके इस बयान ने छत्तीसगढ़ में राजनीतिक हलचल पैदा कर दी थी। अंबिकापुर में एक कार्यक्रम के दौरान मीडिया ने उनके चुनाव लड़ने के फैसले के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा, क्योंकि फैसला नहीं लिया है, इसलिए तब तक का इंतजार। मेरे लिए भी, सभी के लिए भी। मैंने इस बार सही में मन नहीं बनाया है, वरना अभी तक जितने भी चुनाव हुए हैं 2008, 2013 और 2018, इसके पहले भी मन में था कि लड़ूंगा। इस बार वैसा मन नहीं है। लेकिन जो भी करूंगा पूछकर करूंगा। इस बार मेरा मन चुनाव लड़ने का वैसा नहीं जैसा पहले रहता था।
यह भी बता दें कि इस साल जुलाई में सिंहदेव ने पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग से त्यागपत्र दे दिया था। हालांकि उन्होंने अन्य चार विभागों को अपने पास ही रखा है। टीएस सिंहदेव के समर्थकों के अनुसार वर्ष 2018 में कांग्रेस के सत्ता में आने पर यह तय किया गया था कि उन्हें आधे कार्यकाल के लिए मुख्यमंत्री बनाया जाएगा, लेकिन पार्टी नेतृत्व ने इस बात से इनकार किया है कि ऐसा कुछ तय किया गया था।
बाबा नही लड़े तो और 10 है तैयार- मंत्री ताम्रध्वज साहू
मंत्री ताम्रध्वज साहू ने कहा कि कांग्रेस एक बड़ी संस्था है। इस पर कोई एक व्यक्ति कहे मुझे चुनाव नहीं लड़ना है तो फिल ऑफ द ब्लैंक्स के लिए लोग तैयार हैं। कोई एक व्यक्ति चुनाव नही लड़ना चाहता तो वहां 10 लोग चुनाव लड़ने को तैयार हैं, लेकिन टीएस बाबा ने किस भावना से क्या सोच कर उन्होंने कहा ये तो वही जानें।
साहू ने कहा कि उनके कहने का क्या भाव है, क्या अर्थ है, क्या परिस्थितियां हैं, उनके सामने वही जाने। उससे कांग्रेस को इससे कोई असर पड़ेगा, ऐसा नहीं है, क्योंकि कोंग्रेस पुरानी संस्था है। बड़ी संस्था है। काफी झंझावत झेलने वाली संस्था है। देश की आजादी को झेलने वाली संस्था है।
भाजपा ने साधा CM बघेल पर निशाना कांग्रेस के भीतरखाने चल रहे संग्राम जो कि ना छुपा हुआ है और ना ही जिसे छुपाया जा रहा है, उसे लेकर कांग्रेस और सीएम बघेल पर निशाना साधा है। पार्टी के वरिष्ठ नेता और सीनियर विधायक बृजमोहन अग्रवाल ने कहा-“ये बहुत दुर्भाग्यजनक है कि सरकार का एक मंत्री सरकार के कामों से निराश होकर,जो जन घोषणा पत्र समिति का अध्यक्ष रहा है और यह कहा जाता है कि वे मुख्यमंत्री के दावेदार आज भी हैं और सरकार में जिनकी मुख्यमंत्री के बराबर की हैसियत है,वो व्यक्ति यदि पहले कहे कि,मेरी नहीं चल रही है मैं ग़रीबों को प्रधानमंत्री आवास नहीं दे पा रहा हूँ, मेरे आदेशों का पालन नहीं हो रहा है,इसलिए मैं पंचायत विभाग को छोड़ देता हूँ।फिर वो कहे कि जब चुनाव नज़दीक आएगा तो मैं, अपने भविष्य के बारे में निर्णय लूँगा और आज,उन्होंने कहा कि,मैं चुनाव लड़ूँगा कि नहीं लड़ूँगा,मैं समय पर तय करुंगा।जिस पार्टी की यह हालत हो,जिस सरकार की यह हालत हो,जिस मुख्यमंत्री पर उनके मंत्री को भरोसा ना हो,जिस पार्टी के उपर मंत्री का भरोसा ना हो,उस सरकार का,उस मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी को,छत्तीसगढ़ की जनता का भरोसा कैसे होगा ?मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जनता को ठगने का काम कर रहे हैं,गुमराह करने का काम कर रहे हैं।एकमात्र काम भूपेश बघेल जी का बचा है कि,मुख्यमंत्री की कुर्सी बचाने के लिए अपने आकाओं की सेवा करना छत्तीसगढ़ को एटीएम बना देना और बाक़ी सबको गुमराह करना। टीएस सिंहदेव जी को मैं कहना चाहूँगा कि वो राजपरिवार से आते हैं ठाकुर है, वो ख़ाली इस भाषा का उपयोग ना करें कि अब मारा तो मारा अब मार के देख।वो करारा जवाब दें,सरकार के ख़िलाफ़ लड़े, जनघोषणा पत्र का अध्यक्ष रहते हुए जो वादे उन्होंने किए,वो वादे अगर पूरे नहीं हो रहे है तो,उनको अपना स्वाभिमान जगाना चाहिए।उनको सड़क पर आकर लड़ाई लड़नी चाहिए।”
वरिष्ठ बीजेपी नेता बृजमोहन अग्रवाल ने गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू के बयान को लेकर कहा-ताम्रध्वज साहू जी के लिए मैं बेचारे शब्द का उपयोग नहीं करुंगा जिस पीड़ा से टी एस सिंहदेव पीड़ित हैं वहीं पीड़ा ताम्रध्वज साहू जी की भी है।अब उनकी बोलने की कुछ मजबूरी रही होगी इसलिए उन्होंने बोला होगा।