बिलासपुर। इस चुनावी साल में भगवान भी बड़े कृपालु हो गए हैं। जगह-जगह कथा-प्रवचन के कार्यक्रम हो रहे हैं। बिलासपुर में भी श्री राम कथा का भव्य आयोजन किया गया। श्रोता श्रद्धालु खासकर महिलाएं तब धन्य-धन्य हो गईं जब उनके घर में आकर्षक डिब्बे में आयोजक की ओर से भेजा गया साड़ी का उपहार मिला।
इस कथा के कार्यक्रम में विशिष्ट लोगों को भी आमंत्रित किया गया था। इनमें वे लोग थे, जो अपने क्षेत्र में जाने-पहचाने जाते हैं। कथा में बड़ी संख्या में आमजन भी जुटे। कथा-प्रवचन का कोई कार्यक्रम राजनीति या समाजिक सरोकार से जुड़ा व्यक्ति कराता है तो उसकी कोशिश होती है कि उनसे राग-अनुराग रखने वाले लोग कथा में आने से नहीं छूटें। इसमें भी कुछ ऐसी ही कोशिश की गई और श्रीराम कथा की भव्यता देखने लायक थी। आम तौर पर धार्मिक आयोजनों में आयोजकों अथवा संस्था समितियों की ओर से प्रसाद आदि श्रद्धालुओं के घरों में देने का प्रचलन हैं। इस कथा में श्रद्धालु महिलाओं का विशेष ध्यान रखा गया और उनके घरों में आकर्षक पैक में साड़ी का उपहार भेजा गया। महिलाएं साड़ी की उपहार पाकर धन्य-धन्य हो गईं। हर श्रद्धालु कथा श्रवण का पुण्य पाना चाहता है। यहां कथा श्रवण का उपहार भी मिल गया।
इस चुनावी साल में लोगों को अपने से जोडऩे का माध्यम धार्मिक आयोजनों को भी बनाया जा रहा है। नेता इन आयोजनों में पहुंचने से नहीं रोक पा रहे हैं। जो सामर्थ्यवान हैं, वे खुद ऐसे आयोजन कर रहे हैं। धर्म-संस्कृति की नई हवा चल रही है। सरकारी उत्सव भी पूरी भव्यता से हो रहे हैं। यह सिलसिला अभी और तेज होने वाला है। ऐसा अनुमान है कि इस वर्ष सितम्बर या अक्टूबर में चुनावों की घोषणा हो जाएगी। इसी के साथ चुनाव आचार संहिता प्रभावी हो जाएगी। फिर ऐसे आयोजन शायद न हो पाएं इसलिए इन्हीं चार-छह महीनों में धर्म-संस्कृति पर केन्द्रित कार्यक्रमों के जरिए अपनी बातों और विचारों को पहुंचाने का प्रयास शुरू हो गया है।