रायपुर। फ्लैग फाउंडेशन ऑफ इंडिया के अध्यक्ष नवीन जिन्दल ने जगन्नाथ पुरी नगर के प्रवेश द्वार बाटागांव छक में 108 फुट ऊंचा तिरंगा लगाया है। ओडिशा के राज्यपाल प्रोफेसर गणेशीलाल ने सोमवार को ध्वजारोहण कर धर्मनगरी पुरी को यह अनूठा उपहार दिया। इस अवसर पर फ्लैग फाउंडेशन ऑफ इंडिया की उपाध्यक्ष श्रीमती शालू जिन्दल, ओडिशा के अनेक मंत्री व विधायक और अधिकारी उपस्थित थे।
ध्वजारोहण के बाद राज्यपाल प्रोफेसर गणेशी लाल ने फ्लैग फाउंडेशन ऑफ इंडिया और उसके अध्यक्ष नवीन जिन्दल की सराहना करते हुए कहा कि वे एक शहर, एक प्रदेश नहीं बल्कि पूरे विश्व के हैं और जगह-जगह विशाल ध्वज की स्थापना कर देशवासियों के मन में राष्ट्र के प्रति प्रेम और समर्पण की भावना का संचार कर रहे हैं। जगत स्वामी भगवान श्री जगन्नाथ जी की नगरी पुरी में राष्ट्रीय ध्वज की स्थापना विश्व बंधुत्व और शांति का पर्याय है क्योंकि हमारे राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा में ये संदेश निहित हैं। नवीन जिन्दल ने इस अवसर पर कहा कि जाति, पंथ, राजनीतिक संबंधों से ऊपर उठकर तिरंगा हम सभी भारतीयों के स्वाभिमान का सर्वोच्च प्रतीक है। फ्लैग फाउंडेशन ऑफ इंडिया देशवासियों, विशेषकर युवाओं को गर्व और सम्मान के साथ प्रतिदिन तिरंगा फहराने और प्रदर्शित करने के लिए निरंतर प्रेरित कर रहा है। उन्होंने कहा कि यह विशाल तिरंगा भगवान श्री जगन्नाथ जी के दर्शनों के लिए पुरी आने वाले लोगों के बीच एक आकर्षण का केंद्र होगा।
श्री जिन्दल ने इस अवसर पर स्वतंत्रता सेनानी जयी राजगुरु, चाखी खुंटिया और पंचसखा समेत अनेक लोगों के देश की आजादी में योगदान, त्याग और बलिदान को याद कर उन्हें नमन किया। उन्होंने तिरंगे के लोकतांत्रीकरण के लिए किए गए अपने 10 साल के कठिन संघर्ष का उल्लेख करते हुए कहा कि अब हम सभी भारतीय साल भर अपने राष्ट्रीय ध्वज को पूरे मान-सम्मान से फहरा सकते हैं और कमर से ऊपर धारण कर गर्वान्वित महसूस कर सकते हैं।
पुरी में विशाल ध्वज की स्थापना भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण और जिला प्रशासन के सहयोग से किया गया। जिला पुलिस की एक टीम ने पुलिस बैंड के साथ 36 गुणा 24 फुट के विशाल झंडे को 108 फुट ऊंचे ध्वजदंड पर सफलतापूर्वक पहुंचाया, जिसे राज्यपाल प्रोफेसर गणेशी लाल ने फहराया।
गौरतलब है कि जिन्दल के संघर्ष के परिणामस्वरूप 23 जनवरी 2004 को सुप्रीम कोर्ट ने देशवासियों को सम्मान सहित साल भर तिरंगा फहराने का मौलिक अधिकार प्रदान किया। उसके बाद फ्लैग फाउंडेशन ऑफ इंडिया की स्थापना कर नवीन जिन्दल 100 से अधिक विशाल ध्वज स्थापित कर चुके हैं।
फ्लैग फाउंडेशन ऑफ इंडिया के बारे में फ़्लैग फ़ाउंडेशन ऑफ़ इंडिया की स्थापना 3 जून 2003 को सोसायटी पंजीकरण अधिनियम, 1980 के तहत एक गैर-लाभकारी संस्था के तौर पर एक पंजीकृत सोसाइटी के रूप में की गई थी। नवीन जिन्दल की एक दशक लंबी कानूनी लड़ाई के बाद सर्वोच्च न्यायालय ने 23 जनवरी 2004 को अपने ऐतिहासिक निर्णय में सभी भारतीयों को सम्मान और गर्व के साथ राष्ट्रीय ध्वज प्रदर्शित का मौलिक अधिकार दिया। फैसले से प्रेरित होकर ‘फ्लैग फाउंडेशन ऑफ इंडिया’ की स्थापना नवीन जिन्दल और श्रीमती शालू जिंदल ने की, जिसका उद्देश्य अधिक से अधिक भारतीयों द्वारा गर्व की भावना के साथ तिरंगा के प्रदर्शन को लोकप्रिय बनाना था।
विशाल ध्वज की स्थापना भारतीयों को राष्ट्रीय ध्वज प्रदर्शित करने में गर्व महसूस करने और तिरंगे के साथ युवाओं को जोड़ने के लिए प्रेरित करने के निरंतर प्रयास का एक हिस्सा है।
तिरंगा एक प्रतीक है, जो हमें अनेकता में एकता का संदेश देता है। यह दुनिया भर में फैले अनगिनत भारतीयों के लिए प्रेरणा के एक महान स्रोत के रूप में कार्य करता है, चाहे वे किसी भी क्षेत्र अथवा देश का नाम रोशन कर रहे हों। आम जनता द्वारा राष्ट्रीय ध्वज के उपयोग को बढ़ावा देने के प्रयास में फाउंडेशन निरंतर संवाद, कार्यशालाएं आयोजित करता रहा है और राष्ट्रीय ध्वज पर पुस्तकों के साथ-साथ भारत के प्रसिद्ध गायकों द्वारा प्रस्तुत देशभक्ति गीतों की सीडी/डीवीडी भी जारी की है। फ्लैग फाउंडेशन ने दिल्ली और हरियाणा में कई तिरंगा रन भी आयोजित किए हैं।