प्रदेश कांग्रेस कमेटी के निर्देश पर इन दिनों हाथ से हाथ जोड़ो अभियान चलाया जा रहा है। अब चूंकि विधानसभा चुनावों में ज्यादा समय नहीं बचा है, टिकट के दावेदार भी ऐसी यात्राएं या कांग्रेस पार्टी के विभिन्न अवसरों पर आयोजित बैठकों में शरीक होने लगे हैं। यह एहसास कराने की कोशिश की जा रही है कि विधानसभा विशेष से उनकी भी दावेदारी है । पीसीसी का हाथ जोड़ो अभियान या फिर कांग्रेस पार्टी की बैठकें धीरे-धीरे चुनाव अभियान के रूप में बदल रही हैं। पदयात्रा के बहाने कांग्रेसी दिग्गज राज्य शासन की महत्वाकांक्षी योजनाओं को घर-घर पहुंचा रहे हैं। योजनाओं के प्रचार प्रसार के साथ ही जरूरी फीडबैक भी ले रहे हैं। लोगों से मिल रहे फीडबैक को सीधे पीसीसी को पहुंचा रहे हैं।
2013 एवं 2018 में विधानसभा चुनाव में बेरला विधानसभा से सक्रिय रहे वर्तमान पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष थानेश्वर साहू मुंगेली जिले के कार्यकमों में सक्रिय दिखने लगे हैं। उनकी शिक्षा- दीक्षा मुंगेली में ही हुई है। अधिकांश समय उनकी सक्रियता मुंगेली जिले में रही मगर लगभग दो चुनावों वे बेरला विधानसभा से टिकट की दावेदारी करते रहे हैं। अब उनकी सक्रियता देख लोरमी विधानसभा से दावेदारी के कयास लगाए जा रहे हैं।
थानेश्वर साहू वर्तमान में पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष जैसे संवैधानिक पद में है ।उन्हें केबिनेट मंत्री का दर्जा हासिल है। वे गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू के कट्टर फालोवर माने जाते हैं। संवैधानिक पद पर होने के बावजूद मुंगेली जिले के लोरमी विधानसभा में अचानक बढ़ी उनकी सक्रियता पार्टी के ही कुछ अन्य दावेदारों को हजम नही हो रही है ।यह स्वाभाविक भी है। एक व्यक्ति जो पार्टी के लिए समर्पण और पूरी निष्ठा के साथ किसी विधानसभा में सक्रिय हो और अचानक कोई अपने पद, प्रभाव के बूते उसके क्षेत्र दखल बढ़ाए तो आपसी खींचतान बढ़ती ही है। लोरमी विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस की गतिविधियों में पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष थानेश्वर साहू की सक्रियता से पार्टी के लोगों व जनप्रतिनिधियों में बेचैनी बढ़ा दी है।
लोरमी विधानसभा क्षेत्र में लंबे समय से वर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष लेखनी चंद्राकर की सक्रियता देखी जा रही है । लोरमी विधानसभा के गांव-गांव में छोटे- बड़े कार्यक्रमों के जरिए कांग्रेस नेताओं की निरंतर सक्रियता से विधानसभा की तासीर बदलने की कोशिशें शुरू हो गई हैं। वर्तमान में जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जे के धर्मजीत सिंह यहां से विधायक हैं। इस विधानसभा में बदलते राजनीतिक समीकरण व राज्य सरकार के विभिन्न महत्वाकांक्षी योजनाओं से मतदाताओं की सोच बदलती नजर आ रही है। सत्ता के साथ रहकर विकास के सपने पूरे करने की सोच भी लोगों में होती ही है।
लोरमी विधानसभा में इस बार के चुनाव में किसी भी राजनैतिक दल अथवा व्यक्ति के प्रभाव से ही दावेदारी और संभावित नतीजे के आंकलन मुहर लगनी चाहिए ताकि राजनीतिक दलों के भीतर विपरीत माहौल देखने को न मिले। यहाँ किसी बड़े नेता के दबाव वश प्रत्याशी थोपा गया तो उस राजनैतिक दल के प्रति आमजनमानस की सोच बदलने में समय नहीं लगेगा । उन लोगों के लिए जो लंबे समय से पार्टी के लिए समर्पित होकर गांव – गांव में अपनी सक्रियता प्रदर्शित कर पक्ष में माहौल बनाया गया हो उनकी मेहनत पर पानी फिरने जैसी स्थिति भी बन सकती है।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी के भारत जोड़ो यात्रा की तर्ज पर उनके अभियान को पीसीसी ने हाथ से हाथ जोड़ो पदयात्रा के रूप में छत्तीसगढ़ में आगे बढ़ाने की योजना बनाई। शुरुआती दौर में राहुल गांधी के समर्थन में प्रदेश में उसी तर्ज पर यात्रा निकालने का रोडमैप तैयार किया गया था। यात्रा अब प्रदेशभर में जोर पकड़ने लगी है। शहर से लेकर ग्रामीण इलाकों में दिग्गज कांग्रेसी नेताओं के साथ कार्यकर्ताओं की भीड़ भी नजर आने लगी है। संगठनात्मक सक्रियता के साथ ही अब इस यात्रा में राजनीतिक रंग भी चढ़ने लगा है। कांग्रेस के नेता यात्रा के दौरान इकठ्ठा होने वाली भीड़ को अपने अंदाज में संबोधित भी कर रहे हैं। इस दौरान उनका फोकस सिर्फ और सिर्फ दो ही बातों पर है।
केंद्र सरकार की विफलता राज्य सरकार की योजनाएं। राहुल गांधी द्वारा सदन में उठाए गए अदाणी का मुद्दा। शेयर स्केम को लेकर प्रभावी अंदाज में लोगों के बीच रख रहे हैं। खास बात ये कि जब अपनी सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं को बताते हैं तब लोगों को चेहरा पढ़ना नहीं भूल रहे हैं । इन सबके बीच चुनावों वोटरों का मूड तो यह देखकर भी बनता है कि मैदान में कौन है और उसके क्षेत्र के लिए राजनीति में उसकी क्या भूमिका रही है। अकेले मुद्दों या उपलब्धियों के बखान से बात नहीं बनती। कई बार आपसी खींचतान से भी नतीजे बदल जाते हैं। मुंगेली जिला इसका बड़ा उदाहरण रहा है। इस समय यहां जो चल रहा है लोग समझने की कोशिश कर रहे हैं और जैसे – जैसे समय बीतता जाएगा तस्वीर साफ होने लगेगी।