जगदलपुर। भरोसे का सम्मेलन कार्यक्रम में शामिल होने पहुँचे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि श्रीमती प्रियंका गांधी ने जगदलपुर में लालबाग मैदान के निकट स्थित नेहरु स्मृति मंच स्थल में भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू की प्रतिमा पर श्रद्धासुमन अर्पित किए।
भरोसे का सम्मेलन कार्यक्रम में शामिल होने पहुँचे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि श्रीमती प्रियंका गांधी ने जगदलपुर में लालबाग मैदान के निकट स्थित डॉ.अम्बेडकर की प्रतिमा पर श्रद्धासुमन अर्पित किए।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल और कार्यक्रम की विशिष्ट अतिथि श्रीमती प्रियंका गांधी वाड्रा ने ऐतिहासिक पंडित नेहरू स्मृति मंच का अवलोकन किया। इस मंच का निर्माण उस स्थल पर किया गया है जहां से देश के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने तृतीय राष्ट्रीय आदिवासी सम्मेलन को संबोधित किया था। 13 मार्च 1955 को आयोजित इस सम्मेलन के उद्घाटन अवसर पर पंडित नेहरू यहां आए थे। यहां लगाए गए पांच शिलालेखों में नेहरू जी के जीवन से संबंधित जानकारी का भी अवलोकन अतिथियों द्वारा किया गया।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने अपने सम्बोधन में कहा कि बस्तर के बाहर के लोग यहां आने से डरते थे। नक्सलियों की दहशत से कोई छत्तीसगढ़ नहीं आता था। हमारे घर वालों की नींद हराम रहती थी, जब तक हम घर नहीं लौटते थे, वो चिंतित रहते थे।नक्सली और पुलिस दोनों की गोलियां चलती थी, लेकिन सीना हमारे निर्दोष आदिवासियों का छलनी होता था। यहां पर आदिवासियों की जमीनें छीन ली गयी थी देश में पहला उदाहरण था, जब हमने लोहंडीगुड़ा में आदिवासियों की जमीनें वापस कराने का काम किया। विकास के रास्ते पर हम चल रहे हैं, बस्तर आगे बढ़ रहा है,योजनाओं का लाभ लोग ले रहे हैं। शिक्षा के माध्यम से फिर से बस्तर को आगे बढ़ाने का काम चल रहा है। श्रीमती इंदिरा गांधी आई थी, उन्होंने आदिवासियो को पट्टा दिया था। राहुल गांधी ने आदिवासियो का पट्टा वापस दिलाया है
हम शिक्षा के माध्यम से आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं। यहां के नौजवानों को रोजगार मिल रहा है। पहले कभी कोई दंतेवाड़ा के जंगल में नहीं जा सकता था। दंतेवाड़ा में आज डेनेक्स में कपड़े बनाए जा रहे हैं, ये कपड़े देश दुनिया में जा रहे हैं। हमारी बहनें काम कर रही हैं, आगे बढ़ रही हैं। लाखों परिवारों को वनाधिकार पट्टा देने का काम किया।
यह सम्मेलन बस्तर और छत्तीसगढ़ के लोगों के भरोसे का सम्मेलन है। अब तो हम अगले खरीफ सीजन में 15 की जगह 20 क्विंटल धान खरीदने जा रहे हैं ये सम्मेलन भरोसे का है, आदिवासियों, किसानों, मजदूरों, माताओं, बच्चों, बस्तर और छत्तीसगढ़ के भरोसे का सम्मेलन है।
माँ दंतेश्वरी माई, बस्तर का दशहरा, और यहां के आदिवासियों की संस्कृति बस्तर की पहचान है। इसी दिशा में काम करते हुए हम देवगुड़ियों और घोटुलों का निर्माण कर रहे हैं।
किसानों और लघु वनोपज विक्रेताओं, तेंदूपत्ता संग्रहको में सम्पन्नता आई है। लाखों परिवार उन्नति के रास्ते चल पड़ा है।
लोक पर्वों पर हमने छुट्टी प्रदान की है। हमारी कोशिश यही है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को काम दे सकें और लोगों की विकास में भागीदारी हो। हम जूते, चप्पल और मोबाइल नहीं दे रहे बल्कि आपकी जेब में पैसा डाल रहे हैं ताकि आप जो चाहें वो खरीद सकें। हमने डेढ़ लाख करोड़ रूपए लोगों की जेब में डाले हैं।
बैगा पुजारी गुनिया और भूमीहीनों को हम 7000 दे रहे हैं।हम लोगों को अधिकार सम्पन्न बना रहे हैं। हमारी सरकार सबको साथ लेकर चलने वाली सरकार है। हमने किसानों का कर्जा माफ किया, इनपुट सब्सिडी और समर्थन मूल्य के साथ धान का 2500 रूपए दिलाने का वादा पूरा किया है राजीव किसान न्याय योजना से किसानों को 9000 प्रति एकड़ देने का कार्य किया है।
–मुख्यमंत्री की घोषणाएं…..
◆ बस्तर संभाग मुख्यालय जगदलपुर में “इन्दिरा गांधी महिला सहकारी बैंक की स्थापना की जाएगी।
◆ नारायणपुर में शासकीय आदर्श महिला महाविद्यालय नारायणपुर का नामकरण वीरांगना रमोतीन माड़िया शासकीय आदर्श महिला महाविद्यालय नारायणपुर के नाम से किया जाएगा।
◆ नारायणपुर कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र केरलापाल का नामकरण घोटुल के संस्थापक देव “लिंगो मुदियाल कृषि महाविद्यालय एवं अनुसंधान केन्द्र केरलापाल नारायणपुर” के नाम से किया जाएगा।
◆ दंतेवाड़ा शासकीय नवीन महाविद्यालय कटेकल्याण का नामकरण “हिड़मा मॉझी शासकीय महाविद्यालय कटेकल्याण” के नाम से किया जाएगा।
◆ बीजापुर शासकीय नवीन महाविद्यालय भैरमगढ़ का नामकरण “धुर्वाराव माड़िया शासकीय महाविद्यालय भैरमगढ़” के नाम से किया जाएगा।
विशिष्ट अतिथि श्रीमती प्रियंका गांधी ने राज्य सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं पर आधारित प्रदर्शनी का अवलोकन किया एवं योजनाओं की सराहना की।
भरोसे के सम्मेलन को संबोधित करते हुए श्रीमती प्रियंका गांधी ने कहा मैं यहां पहली बार आई हूं आप मुझे नहीं जानते हैं। आप इसलिए आए हैं क्योंकि आपका मेरे परिवार पर भरोसा है। आप इसलिए आए हैं क्योंकि नेहरू जी और इंदिरा गांधी जी के दिल में आपको लेकर विशेष सम्मान था। यहां की कहानियों, आपकी संस्कृति, आपके संघर्ष के बारे में मैं सबकुछ जानती हूं। मेरे घर के सदस्यों ने आपकी संस्कृति, संघर्षों और चुनौतियों को जाना।
सार्वजनिक जीवन में सबसे महत्वपूर्ण चीज भरोसा होता है। यहां जब मैं आई तो एक बहन ने मेरे लिए सुबह से आइसक्रीम बना कर रखी थी, लेकिन जब मैं वहां पहुंची तो मुझसे कहा कि आपको अभी मंच से बोलना है इसलिए आप ठंडी आइसक्रीम मत खाइए…ये एक बहन का भरोसा है, एक पल में मेरा उनसे रिश्ता बन गया। एक जगह की पहचान तीन चीजों से होती है,संस्कृति का सम्मान, लोगों का मान और सरकार द्वारा जनता का सम्मान। मुख्यमंत्री जी ने कहा कि एक समय यहां लोगों को आने में डर लगता था आज यही बस्तर एक ब्रांड बन गया है
सरकार की मदद के साथ आपकी आमदनी बढ़ रही है। प्रकृति का सम्मान करने के लिए मेरी दादी इंदिरा गांधी आप आदिवासी भाई बहनों का बहुत सम्मान करती थीं। यहां बेरोजगारी की दर सब कम है, सबसे ज्यादा वनोपज के लिए एमएसपी, यहां का स्वास्थ्य माडल देश के लिए उदाहरण है। सरकार आपके भरोसे पर चल रही है आपकी मेहनत का ये सरकार सम्मान कर रही है
पहले गौ माता सड़कों पर घूमती थीं, बहनें कर्ज में थीं, स्कूल बंद हो रहे थे, कुपोषण की दर बढ़ रही थी। आज 65 वनोपज खरीदे जा रहे हैं। 4 हजार एकड़ जमीन लौटाई गई। 5 लाख लोगों को वन अधिकार पट्टे मिले। धान की सबसे ज्यादा कीमत यहां मिल रही है। किसानों का कर्ज माफ किया गया। सरकार हर हाथ को मजबूत करने का काम कर रही है। हमारी सरकार ने गौठानों के मॉडल को विश्व प्रसिद्ध बना दिया है।। गौमाता भी खुश है और जनता भी खुश है। मुझे खुशी है कि आंगनबाड़ी की बहनों का मानदेय 10 हजार रूपए तक बढ़ाया गया है। 1.65 लाख महिलाएं एनीमिया से मुक्त हुई हैं। पिछली सरकार ने आपकी सम्पत्ति छीनने का काम किया, आपको आत्मनिर्भर नहीं बनाया, आपको बढ़ने नहीं दिया। भूपेश बघेल जी की सरकार ने आपको अपने पैरों पर खड़ा करने का काम किया। सच्चाई आपके सामने है, आपको पहचानना है कि भरोसा किस पर करना है।
हमारे मुख्यमंत्री कभी किसी की बुराई नहीं करते, वो सिर्फ नई योजनाएं और आप लोगों को आगे बढ़ाने की बातें करते हैं। बहुत कम नेता हैं जो काम करके दिखाते हैं। हमारी सरकार ने बस्तर को आगे बढ़ाने का काम किया है, बहनों को सशक्त बनाया है। मुझे यकीन है कि आप ये भरोसा हम पर बनाकर रखेंगे।
विशिष्ट अतिथि श्रीमती प्रियंका गांधी ने राज्य सरकार की जन कल्याणकारी योजनाओं पर आधारित प्रदर्शनी का अवलोकन किया एवं योजनाओं की सराहना की।
उन्होंने “मनवा नवा नार” स्टॉल पर बस्तर में राज्य सरकार के विश्वास, विकास और सुरक्षा की उपलब्धियों को सराहा।
उन्होंने ग्राम उद्योग विभाग द्वारा रेशम से बनाए जा रहे उत्पादों की जानकारी ली, इस मौके पर एसएचजी की महिलाओं ने श्रीमती प्रियंका गांधी वाड्रा को कोसा की साड़ी भेंट की।
विशिष्ट अतिथि श्रीमती प्रियंका गांधी ने काजू प्रसंस्करण केंद्र के स्टॉल का निरीक्षण किया। इस दौरान श्रीमती गांधी ने बस्तर के काजू का लिया स्वाद, तारीफ की। आमचो बस्तर स्टॉल में श्रीमती गांधी ने मिट्टी एवं तांबे के बर्तन की ढलाई करते कारीगरों से बात की। श्रीमती गांधी वाड्रा ने मिलेट्स से बने बिस्किट का भी स्वाद लिया।