हरेली तिहार: मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सपरिवार कृषि यंत्रों की पूजा कर इस साल अच्छी खेती और प्रदेशवासियों की सुख समृद्धि और खुशहाली की कामना की

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मुख्यमंत्री निवास में हरेली का अपूर्व उत्साह चारों ओर छलक रहा।

हरेली के रंग में सराबोर हुआ मुख्यमंत्री निवास
छत्तीसगढ़िया संस्कृति की दिख रही अनूठी झलक
पारंपरिक वेशभूषा में उत्साह के साथ गेड़ी चढ़ रहे लोग

मुख्यमंत्री निवास में हरेली की धूम
हरेली तिहार पर पारंपरिक रंग में रंगा मुख्यमंत्री निवास
खेती किसानी में काम आने वाले पारंपरिक औजार, यंत्रों पशुओं और चरवाहों के वस्त्रों,आभूषणों की लगाई गई प्रदर्शनी
छत्तीसगढ़ के दुग्ध पदार्थों औऱ पशु चारे की दिखाई दी विशाल रेंज

मुख्यमंत्री श्री बघेल ने अपने निवास में सपरिवार कृषि यंत्रों की पूजा कर इस साल अच्छी खेती और प्रदेशवासियों की सुख समृद्धि और खुशहाली की कामना की।

अपने नाती पोतों के साथ मुख्यमंत्री,अपूर्व उत्साह की बेला।
• पारंपरिक गाजे बाजे के साथ उल्लास से भरे लोग।
• मुख्यमंत्री निवास में चारों ओर महक रही छत्तीसगढ़ी संस्कृति की महक।

लोक गायकों ने सुख समृद्धि का आशीर्वाद दिया।
छत्तीसगढ़ महतारी और गौमाता की आराधना से रची बसी सुंदर छत्तीसगढ़ी संस्कृति की समृद्ध विरासत को आगे बढ़ाने का कार्य कर रहे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल।हर तरफ उत्सव का माहौल।
हरेली उल्लास का त्योहार, उल्लास के लिए वातावरण जरूरी, कृषि हितैषी योजनाओं से किसानों में आई आर्थिक समृद्धि से

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि हरेली त्योहार केवल गेड़ी चढ़ने का त्योहार नहीं है। यह जीवन के उल्लास का त्योहार है। जीवन में उल्लास ऐसे ही नहीं आता। इसके लिए वातावरण बनाना होता है। हमारे प्रदेश में किसानों की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी। पिछले पौने पांच सालों में हमारी सरकार ने कृषि हितैषी नीतियां बनाईं जिससे किसान के घर खुशियां लौटीं हैं। आज हरेली के त्योहार पर जो अपूर्व उल्लास किसानों के बीच छलक रहा है उससे बहुत खुशी हो रही है। हरेली तिहार के मौके पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपने निवास में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हमने किसान-मजदूर को लक्षित कर योजनाएं बनाईं। इससे कृषि का रकबा बढ़ा और अब तो प्रति एकड़ 20 क्विंटल धान खरीदने के निर्णय से यह उल्लास अपने चरम पर है। गोधन न्याय योजना के माध्यम से दूध उत्पादन बढ़ा है। ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में आर्थिक स्थिति बेहतर होने से त्योहार का उल्लास अपने चरम पर है।

उन्होंने प्रदेशवासियों को हरेली त्यौहार की शुभकामनाएं देते हुए अच्छी फसल और किसानों की समृद्धि की कामना की। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने कहा कि हरेली में किसान अपने कृषि उपकरणों की पूजा करते हैं और पशुधन को लोंदी खिलाया जाता है। इस तरह से हम अपने पशुधन को सहेजते हैं और उनके माध्यम से हमारी तरक्की का रास्ता खुलता है। उन्होंने कहा कि आज आदिवासी क्षेत्रों में भी खुशी का माहौल है। हमारे पूर्वजों द्वारा बरसों से तैयार की गई संस्कृति नष्ट हो रही थी। इसे सहेजने-संरक्षित करने का प्रयास हमने किया है और बहुत बढ़िया काम हो रहा है। आदिवासी अंचल में आस्था केन्द्रों को संरक्षित करने का काम किया जा रहा है। नारायणपुर में घोटुल का संरक्षण किया गया है। बस्तर के आसना में बादल के माध्यम से आदिम संस्कृति को सहेजने की दिशा में हम आगे बढ़ रहे हैं। हमारे आदिवासी जीवन की परंपरा बहुत समृद्ध है। इन परंपराओं के बारे में हम सोचे तो चकित हो जाते हैं। यह ऐसी संस्कृति है जो अपने देवी-देवताओं के साथ रहती है। उनसे गहन लगाव रखती है। हमने इसे संरक्षित करने का काम किया है।

मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में हमने स्वामी आत्मानंद स्कूल आरम्भ किये। इससे बड़ी संख्या में विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण अंग्रेजी शिक्षा मिल रही है। रामायण मण्डलियों के माध्यम से हम लोगों के जीवन में भगवान राम का आदर्श उतारने की कोशिश कर रहे हैं। रायगढ़ में आयोजित राष्ट्रीय रामायण महोत्सव को बहुत लोकप्रियता मिली। चंदखुरी, शिवरीनारायण और राजिम जैसे धार्मिक केन्द्रों के साथ ही राम वनगमन पथ को विकसित करने का कार्य किया है।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने कहा कि छत्तीसगढ़िया संस्कृति को पुनर्स्थापित करने के लिए हम शुरू से ही कार्य कर रहे है। मजदूरों, किसानों का परंपरागत भोजन बारे-बासी अब फाइव स्टार होटल तक पहुंच गया है। अपनी संस्कृति को सम्मान और पहचान मिलने से गौरव महसूस कर रहे हैं और छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया वाक्य चरितार्थ हो रहा है। मुख्यमंत्री ने हरेली त्योहार के साथ प्रदेशवासियों के उज्जवल भविष्य की कामना की।

इस अवसर पर संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत, गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष महंत राम सुंदर दास, विधायक सत्यनारायण शर्मा, कुलदीप जुनेजा, रामपुकार सिंह, मुख्यमंत्री के सलाहकार प्रदीप शर्मा, खनिज विकास निगम के अध्यक्ष गिरिश देंवांगन, राज्य महिला आयोग के अध्यक्ष डॉ किरणमयी नायक, शाकम्भरी बोर्ड के अध्यक्ष रामकुमार पटेल, छत्तीसगढ़ राज्य उद्योग विकास निगम के अध्यक्ष नंदकुमार साय, अल्प संख्यक आयोग के अध्यक्ष महेंद्र छाबड़ा, सिरपुर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष सतीश जग्गी, तेलघानी बोर्ड के अध्यक्ष संदीप साहू, कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ कमलप्रीत सिंह सहित कृषि, संस्कृति व पशुधन विकास विभाग के अधिकारी-कर्मचारी तथा बड़ी संख्या में आमजन उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने हाथों में रखकर मुख्यमंत्री ने चलाया भौंरा। छत्तीसगढ़ी संस्कृति में रचे बसे उनके बचपन की झलक आज इस कुशलता में दिख रही है। हरेली तिहार के मौके पर परंपरागत खेलों का भी सुंदर आयोजन होता आया है।
अपने पोते को भी साथ लेकर पहुंचे हैं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल।
मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल ने हरेली तिहार पर अत्याधुनिक तकनीक से मुख्यमंत्री निवास में जन्मी बछिया और साहीवाल प्रजाति की उसकी माँ की पूजा अर्चना की और उन्हें घास खिलाया। बछिया का जन्म विगत 7 जून को लिंग वर्गीकृत वीर्य विधि के माध्यम से हुआ है।
छत्तीसगढ़िया ओलंपिक के शुभंकर बछरू को मुख्यमंत्री ने किया प्रदर्शित। सुंदर गीत के साथ मुख्यमंत्री ने दिखाया ।
ओलंपिक के सारे खेल इस गीत में शामिल।

हरेली के अवसर पर मुख्यमंत्री का सम्बोधन…

. आप सभी को हरेली तिहार की गाड़ा गाड़ा बधाई।
. बहुत सुंदर आप सभी ने यहां मंच सजाया है। हरेली त्योहार हम सब उल्लास से मनाते हैं। हरेली त्योहार केवल गेड़ी चढ़ने का त्योहार नहीं है। यह उत्साह का त्योहार है और इसके लिए वातावरण बनाना होता है और यह तब होता है , जब खुशहाली हो। किसान खुशहाल हो। हम यह सब कर रहे हैं। किसानों के दुख दर्द को हमने समझा। किसानों का रकबा बढ़ गया।
. अब 20 क्विंटल धान खरीदेंगे। यह उल्लास का वातावरण सभी जगह है। आदिवासी क्षेत्रों में भी उल्लास का माहौल है।
. गोधन न्याय योजना के माध्यम से अर्थव्यवस्था सुधर रही है। दूध उत्पादन बढ़ गया है। हरेली में जो नीम की डाली का उपयोग होता है। वह कीटनाशक है। यह वर्षाजनित बीमारियों से बचाता है।
. किसान अपने उपकरणों की पूजा करते हैं। आज जिनके घर भी गाय है उनकी पूजा हो रही है। यही समृद्धि का रास्ता है।

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