खड़खड़िया नाला हुआ बेजा कब्जा का शिकार,प्रशासन नही ले रही सुध…

मुंगेली। नगर में बहने वाली खड़खडिया नाले के किनारे किए जा रहे अतिक्रमण को लेकर जिला प्रशासन व नगर पालिका गंभीर नहीं है। जिसके चलते यह नाला संकरा होते गया और हालात यह बन रहा है कि जरा सी बारिश में नाले के ऊपर पानी भराव के कारण यातायात बाधित हो जाता है। आसपास के लोग अभी भी नाले पर कब्जा कर मकान बना रहे हैं। लेकिन नगर पालिका कुछ नहीं कर रही है। इन अवैध बेजा कब्जाधारी लोगों को कभी कोई कार्यवाही, नोटिस नही भेजी गई। सबसे बड़ी बात तो यह है कि जिस वार्ड से नगर पालिका के अध्यक्ष का बचपन से जुड़ाव रहा हैं उसी वार्ड में अवैध कब्जा किया जा रहा है। लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। अवैध कब्जे से 60 फीट चौड़ा नाला 10 से 15 फीट में ही सिमटकर रह गया ।

नाला संकरा होने के कारण बारिश होने पर तेज बहाव से आने के कारण नाले का पानी घरों में घुस जाता है। अतिक्रमण करने वाले पहले नाले के किनारे मिट्टी, पत्थर डालकर कब्जा करते हैं। नाले के किनारे कब्जा करने वालों पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं होने से राजनैतिक संरक्षण की बात लोग कह रहे हैं।

8 महीने पहले लोगों ने नाले पर मलबा डालकर झोपडी बनाकर कब्जा कर लिया है। मानसून आ गया है, तेज बरसात होने से निचले बस्ती मे पानी घुसने से कोई रोक नहीं पाएगा। नगर पालिका के द्वारा बरसात से पहले नाले की सफाई किया गया है। लेकिन नाले के कब्जे को नहीं हटाया गया।

खड़खडीया नाले को सुरक्षित रखने के लिए कोई उपाय नहीं

लगातार नाले पर अतिक्रमण होने से संकरा होता जा रहा है। जिससे पानी का बहाव सही नहीं होता है। इसका खामियाजा निचली बस्ती के भुगतना पड़ता है। गंदे पानी के साथ ही बारिश का पानी घरों में घुस जाता है। वार्ड नगर पालिका अध्यक्ष का बचपन गुजरा वार्ड है। इसकी जानकारी अध्यक्ष को होते हुए भी कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। नगर पालिका के माध्यम से कभी कोई नोटिस नही भेजी गई हैं।

एक तरफ तो कांग्रेस की सरकार नरवा संरक्षण के लिए प्रदेश भर में अभियान चला रही है, वहीं कांग्रेस का नपा अध्यक्ष होने के बाद भी नाले को सुरक्षित रखने कोई उपाय नहीं किया जा रहा है।

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