छग की जीडीपी में पहली बार महिला उद्यमी नीति को मिली मंजूरी, 49.88 प्रतिशत है उद्योगों की हिस्सेदारी

रायपुर।: छत्तीसगढ़ में उद्योग अर्थव्यवस्था की रीढ़ बना चुका है। राज्य की आर्थिक प्रगति में सूक्ष्म, लघु, मध्यम और बड़े उद्योगों की अहम भूमिका है। छत्तीसगढ़ उन चुनिंदा राज्यों में शुमार हैं, जो देश को आक्सीजन से लेकर स्टील उपलब्ध कराता है, जिसने कोरोनाकाल में दूसरे राज्यों को भी सांस दिया। ना सिर्फ स्टील बल्कि उद्योगों के अलग-अलग क्षेत्र में उत्पादन का नया रिकार्ड बना। साल-दर-साल इसमें प्रगति जारी है। स्टार्टअप में राज्य के युवाओं ने डंका बजाया है। एक लाख करोड़ रुपये का एमओयू अभी प्रगतिशील है। राज्य के जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद (स्थिर भाव) में उद्योगों का योगदान 49.88 प्रतिशत है। जीडीपी में सेवा क्षेत्र की हिस्सेदारी 34.63 प्रतिशत हैं। पांच वर्षों में उद्योगों की बेहतरी का अंदाजा इन आंकड़ों से लगाया जा सकता है कि प्रदेश में मार्च-2023 तक कुल 2.37 लाख करोड़ रुपये बैंकों में जमा हुए, जो कि बीते वर्ष 2022 के मुकाबले 25 हजार करोड़ रुपये अधिक है। इसमें उद्योगों से हुए व्यवसाय की हिस्सेदारी 1.15 लाख करोड़ से अधिक है। औद्योगिक समूहों का भी मानना है कि पांच वर्षों में प्रदेश के उद्योग जगत के लिए राज्य सरकार ने कई सौगातें दी है, जिसमें नई औद्योगिक नीति 2019-2024, महिला उद्यमी नीति 2023-2028 और महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगिक पार्क (रीपा) जैसी योजनाएं संचालित हो रही है। छत्तीसगढ़ उन राज्यों में शुमार हैं, जहां पहली बार महिला उद्यमी नीति को मंजूरी मिली है। रीपा के जरिए अब ग्रामीण क्षेत्रों में सूक्ष्म एवं लघु उद्योगों की सफलता की नई कहानी लिखी जा रही है।

एमओयू सफल हुआ तो एक लाख रोजगार

राज्य सरकार ने वर्ष 2019 से वर्ष 2023 तक अलग-अलग क्षेत्रों में 201 एमओयू निष्पादित किए हैं, जिसमें 1.15 लाख रोजगार की संभावनाएं जताई गई है। वर्तमान में 150 एमओयू पर क्रियान्वयन जारी है। उद्योग क्षेत्र के विशेषज्ञों के मुताबिक आने वाले तीन-चार वर्षों के भीतर प्रदेश में रोजगार की अपार संभावनाएं निर्मित होगी, जिसमें एक लाख से अधिक लोगों को रोजगार मिल सकता है। इससे आर्थिक जगत को बड़ी ताकत मिल सकती है। छत्तीसगढ़ चैंबर आफ कामर्स एंड इंडस्ट्रीज के अध्यक्ष अमर पारवानी ने कहा, राज्य गठन के बाद प्रदेश में लगातार उद्योग-व्यवसाय में उत्तरोत्तर प्रगति दर्ज की जा रही है। प्रदेश के जीडीपी में हिस्सेदारी लगभग 50 प्रतिशत हैं। छत्तीसगढ़ में नए इंडस्ट्रियल और होलसेल कारीडोर की आवश्यता है, ताकि उद्योग-व्यवसाय का विस्तार हो सके। एमओयू से रोजगार क्षेत्र में हजारों लोगों को रोजगार प्राप्त होगा।

उद्योगों के लिए यह 10 बड़े प्रयास

1. सीएसआइडीसी के माध्यम उद्योगों से जुड़ी विभिन्न प्रकार की 56 सेवाएं सिंगल विंडो सिस्टम के जरिए आनलाइन।

2. उद्योगों से संबंधित शंकाओं-समाधानों के लिए टोल फ्री नंबर- 1800-233-3943 जारी। भूमि का आवंटन सिर्फ आनलाइन के जिरए।

3. सफेद और हरे श्रेणी के उद्योगों को निरीक्षण से मुक्त।

4. सभी श्रम कानूनों के लिए एकीकृत आनलाइन प्रणाली लागू।

5. उद्योगों के विद्युत कनेक्शन के लिए आवश्यक दस्तावेजों की संख्या घटाकर सिर्फ दो कर दी गई है।

6. जीएसटी रिटर्न के लिए प्रत्येक जिलों में सुविधा केंद्र।

7. वाणिज्यिक संंबंधी विवादों को सुलझाने के लिए छत्तीसगढ़ देश का प्रथम राज्य बना।

8. वित्त विभाग द्वारा सभी प्रकार के करों की जानकारी के लिए आनलाइन पोर्टल विकसित।

9. लोक सेवा गारंटी अधिनियम-2011 के अंतर्गत समय-सीमा में प्रकरणों के निराकरण के निर्देश।

10. खतरनाक एवं अन्य अपशिष्ट नियम-2016 के अंतर्गत थर्ड पार्टी वेरिफिकेशन प्रणाली विकसित।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *