23 जनवरी को राष्ट्रीय ध्वज दिवस के रूप में मनाएं – नवीन जिन्दल, जिन्दल ने ओडिशा के रवेनशॉ विश्वविद्यालय में 108 फुट ऊंचा राष्ट्रीय ध्वज फहराया

23 जनवरी 2004 को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया था कि देशवासियों को गर्व और सम्मान के साथ प्रतिदिन राष्ट्रीय ध्वज फहराने का अधिकार हैरायपुर. 

बिलासपुर. फ्लैग फाउंडेशन ऑफ इंडिया (एफओआई) के अध्यक्ष और जिन्दल स्टील एंड पावर (जेएसपी) के चेयरमैन  नवीन जिन्दल ने आह्वान किया है कि 23 जनवरी को हमें राष्ट्रीय ध्वज दिवस के रूप में मनाना चाहिए। ओडिशा के कटक स्थित रवेनशॉ विश्वविद्यालय परिसर में कल 108 फुट ऊंचा विशाल राष्ट्रीय ध्वज फहराने के अवसर पर छात्रों को संबोधित करते हुए  जिन्दल ने कहा कि दुनिया के प्रत्येक देश में राष्ट्रीय ध्वज दिवस मनाया जाता है। 23 जनवरी 2004 को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुनाया था कि देशवासियों को गर्व और सम्मान के साथ प्रतिदिन राष्ट्रीय ध्वज फहराने का अधिकार है इसलिए हमें इसी पवित्र दिन को राष्ट्रीय ध्वज दिवस के रूप में मनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि रवेनशॉ विश्वविद्यालय परिसर में स्थापित 108 फुट ऊंचा यह झंडा छात्रों, शिक्षकों समेत समस्त आने-जाने वाले लोगों के मन में देशप्रेम की भावना का संचार करेगा।गौरतलब है कि  जिन्दल ने प्रत्येक भारतीय को गर्व और सम्मान के साथ राष्ट्रीय ध्वज फहराने और उसे प्रदर्शित करने का अधिकार दिलाने के लिए एक दशक लंबा कानूनी संघर्ष किया था। विश्वविद्यालय परिसर का अवलोकन करते हुए  जिन्दल ने गोथिक वास्तुकला के अनुसार ब्रिटिश काल में बने यहां के शैक्षणिक भवनों को सुरक्षित रखने के लिए ओडिशा सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन की सराहना की। उन्होंने इस अवसर पर भारत के अग्रणी निजी विश्वविद्यालय ओपी जिन्दल ग्लोबल यूनिवर्सिटी और रवेनशॉ विश्वविद्यालय के बीच शैक्षणिक सहयोग का आह्वान भी किया। झंडारोहण के इस पवित्र अवसर पर ओडिशा के अनेक जनप्रतिनिधियों के साथ-साथ विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. संजय कुमार नायक और रजिस्ट्रार  केसी मल्लिक, फ्लैग फाउंडेशन ऑफ इंडिया के सीईओ मेजर जनरल (रि.) अशीम कोहली और जेएसपी के सीएसआर प्रमुख प्रशांत कुमार होता की उपस्थिति उल्लेखनीय रही।

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