20 साल से टूटा पड़ा है रपटा, 8 बार आवेदन के बाद भी प्रशासन ने नहीं ली सुध

गरियाबंद. गरियाबंद जिला मुख्यालय से 7 किमी दूर बसे रावनसिंघी पंचायत के लोग टूटे हुए रपटा पर पुल बनाने की मांग को अनदेखी करने का आरोप लगा कर रविवार को चुनाव बहिष्कार का ऐलान कर दिया था. गांव के बुजुर्ग और बच्चों ने सड़क पर उतर नारेबाजी की थी. प्रदर्शन की सूचना पर तहसीलदार मौके पर पहुंचे थे.आज दफ्तर खुलते ही ग्राम के प्रतिनिधि मंडल को एसडीएम भूपेंद्र साहू मिलने बुलाया. उनकी दुखड़ा सुनने के बाद प्रशासन ने अपनी बात रखी, जिसके बाद ग्रामीण मान गए, चुनाव बहिष्कार के अपने जिद्द को छोड़ विधान सभा मतदान प्रक्रिया में भाग लेने की शपथ भी लिया. एसडीएम भूपेंद्र साहू ने कहा की ग्रामीणों द्वारा की गई मांग पर विभाग द्वारा की गई कार्यवाही से अवगत कराया गया, उच्चाधिकारीयों को भी मामले से अवगत करा दिया गया. चुनाव संपन्न होने के बाद ग्रामीणों की मांग को प्राथमिकता में रख कार्य पूर्ण किया जाएगा. ग्रामीण मतदान में भाग लेने की शपथ लेकर लौटे हैं.

बनने के बाद डेढ़ साल में टूट गया रपटा

गरियाबंद छुरा मार्ग पर कोचबाय से आगे मुख्य सड़क से रावनसिंघी जाने वाली प्रधान मंत्री सड़क में 20 साल पहले रपटा बनाया गया था. ग्राम के मुखिया गंगा राम सिन्हा ने बताया की ये रपटा बनने के डेड साल बाद टूट गया. जिससे बरसात के दिनों में आवाजाही के लिए दिक्कत होती है. टूटे रपटा के कारण मुख्य मार्ग तक सीधे 2 किमी जाने के बजाए सड़क परसुली और कोचबाए के रास्ते 5 किमी से ज्यादा दूरी तय कर जाना पड़ता था. बरसात में स्कूली बच्चों व महिलाओं को ज्यादा परेशानी का सामना करना होता था. बीते 20 सालों में 8 बार आवेदन दोनों सरकार को दे चुके थे. इसलिए अब पूरा गांव चुनाव बहिष्कार का निर्णय ले लिया था. लेकिन एसडीएम ने हमे हमारी मांगों पर हो रही कार्यवाही की विस्तृत जानकारी दिया, अब मतदान में भाग लेंगे.

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