बगावत जिंदाबाद: थानेश्वर साहू की टिकट फाइनल होने से लोरमी में कांग्रेस को हो सकता है बड़ा नुकसान, बाहरी चेहरा होने का फैक्टर बदल सकता है समीकरण

दावेदारी के बाद से ही जिलाध्यक्ष सहित संगठन के पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं और लोरमी के स्थानीय लोगों ने किया था विरोध

अपनों की बगावत से वोटर्स के छिटकने का डर

जिला पंचायत सदस्य शीलू साहू के निर्दलीय चुनाव लड़ने की है संभावना

रायपुर/मुंगेली। छत्तीसगढ़ में सत्तारूढ़ कांग्रेस ने विधानसभा चुनाव के लिए दूसरी सूची में 53 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी कर दी है। टिकट वितरण के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं की नाराजगी कांग्रेस के लिए चुनौती बन रही है। पार्टी ने विधानसभा चुनाव के लिए जिन विधायकों या प्रबल दावेदार के टिकट काटे हैं वे खुले तौर पर बगावत कर रहे हैं। बगावत करने वालों में कुछ ऐसे भी नेता हैं जो टिकट के लिए दावेदारी कर रहे थे। नेताओं की बगावत पार्टी के जातिगत संतुलन को बिगाड़ सकती है। इसका सबसे ज्यादा असर मुंगेली जिले के लोरमी विधानसभा क्षेत्र में दिखाई दे रहा है।

वर्तमान में लोरमी विधानसभा में अब भाजपा प्रदेश अध्यक्ष, बिलासपुर सांसद अरूण साव प्रत्याशी हैं। वहीं साहू समाज के बड़े नेता व पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष थानेश्वर साहू के लगातार विरोध के बावजूद कांग्रेस पार्टी ने अपना उम्मीदवार बनाया है। ऐसे में साहू समाज के वोट भी किसके पक्ष में रहेंगे यह भी जीत के लिए निर्णायक होगा।

इसके अलावा लोरमी विधायक के रूप में दशकों बाद स्थानीय प्रत्याशी को आमजनमानस के समर्थन और बाहरी प्रत्याशी के विरोध में मताधिकार करने जैसे निर्णय से यदि जोगी कांग्रेस से मनीष त्रिपाठी को टिकट दी जाती है तो शहरी क्षेत्र व आसपास के बहुतायत वोट मनीष त्रिपाठी की झोली में जा सकते हैं।

इसके अलावा लंबे समय से लोरमी में सक्रिय रही और भाजपा की प्रबल दावेदार शीलू साहू की टिकट नहीं मिलने के बाद अभी तक उनके द्वारा पत्ता नहीं खोला गया है मगर चर्चा यह भी है कि जिला पंचायत सदस्य शीलू साहू भी निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव मैदान में कूद सकती है।

2018 के विधानसभा चुनावों में मुंगेली जिले के तीनों विधानसभा में सत्तारूढ़ दल कांग्रेस का कोई भी विधायक नही था जिससे क्षेत्र में कांग्रेस को बड़ा नुकसान हुआ था। 2018 में कांग्रेस ने लहर में छत्तीसगढ़ की 80 फीसदी सीटों पर जीत दर्ज की थी मगर उस लहर का असर मुंगेली जिले में नही देखने को मिला था बावजूद बाहरी प्रत्याशी को लोरमी विधानसभा से एकाएक टिकट दिए जाने का विरोध हो रहा है। अब ऐसे में महज 24 घण्टे के भीतर ही 53 उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट जारी होने के बाद लोरमी विधानसभा में कांग्रेस की बगावत तेज हो गई है।

थानेश्वर साहू की दावेदारी का इतिहास

कांग्रेस में लोरमी से उम्मीदवार बनाए गए थानेश्वर साहू जो कि मूलतः बेमेतरा जिले के लेंजवारा गांव के है। थानेश्वर साहू 2013 व 2018 में बेमेतरा विधानसभा में लगातार सक्रीय रहकर कांग्रेस से टिकट की जुगत में लगे रहे है। लोरमी विधानसभा में अचानक पैराशूट प्रत्याशी होने पर इस विधानसभा से शसक्त दावेदार माने जा रहे जिला अध्यक्ष सागर सिंह,जिला पंचायत अध्यक्ष लेखनी चंद्राकर व पवन अग्रवाल की दावेदारी को दरकिनार कर थानेश्वर साहू को टिकट दे दिया गया है।

धर्मजीत की नई दशा व दिशा से भी बदल रहे समीकरण

लोरमी विधानसभा सीट से जोगी कांग्रेस से मौजूदा विधायक धर्मजीत सिंह ने अन्तोगत्वा भाजपा में शामिल हो अपनी विधानसभा ही बदल डाली अब उन्हें भाजपा ने तखतपुर से प्रत्याशी बनाया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *