नई दिल्ली। कांग्रेस ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के विवादित भाषणों को लेकर बुधवार को चुनाव आयोग से शिकायत की और ज्ञापन सौंपा. कांग्रेस ने कहा कि भाजपा नेताओं ने छत्तीसगढ़ में चुनावी सभा के दौरान समाज के कुछ वर्गों को एक दूसरे के खिलाफ भड़काने की नीयत से बयान दिए, जो कि चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन है.
कांग्रेस संचार विभाग के प्रभारी महासचिव जयराम रमेश, सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील और पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद, तेलंगाना कांग्रेस प्रभारी माणिकराव ठाकरे, तेलंगाना कांग्रेस अध्यक्ष रेवंत रेड्डी, मुख्य चुनाव समिति के सदस्य उत्तम कुमार रेड्डी और तेलंगाना में कांग्रेस विधायक दल के नेता मल्लू भट्टी विक्रमार्क आदि नेताओं के कांग्रेस प्रतिनिधिमंडल ने चुनाव आयोग से कुल आठ मुद्दों को लेकर शिकायत करते हुए कार्रवाई की मांग की.चुनाव आयोग से मुलाकात के उपरांत जयराम रमेश ने कहा कि कांग्रेस का पहला ज्ञापन गृहमंत्री अमित शाह के छत्तीसगढ़ और दूसरा ज्ञापन असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा के छत्तीसगढ़ में दिए गए बयान को लेकर है, जिसमें उन्होंने भड़काऊ और विभाजनकारी बयानबाजी की थी. तीसरा ज्ञापन अधिकारियों को रथ प्रभारी बनाने और सेना के राजनीतिकरण और चौथा ज्ञापन मध्य प्रदेश के मंत्री गोविंद सिंह राजपूत के खिलाफ है, जिन्होंने बूथ प्रभारियों को रिश्वत देने की पेशकश की थी. चार शिकायतें तेलंगाना में बीआरएस सरकार द्वारा आदर्श चुनाव संहिता के उल्लंघन के विभिन्न मुद्दों को लेकर थी. कांग्रेस ने तेलंगाना में सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग का आरोप लगाते हुए पुलिस अधिकारियों के गैरकानूनी तबादलों और पोस्टिंग के खिलाफ शिकायत की है. कांग्रेस नेताओं ने बीआरएस से जुड़े नेताओं द्वारा मुख्यमंत्री आवास और अन्य सरकारी भवनों का इस्तेमाल राजनीतिक गतिविधियों के लिए किए जाने की शिकायत भी की.वहीं सलमान खुर्शीद ने कहा कि लोगों का ध्यान भटकाने के लिए विभाजनकारी मुद्दे उठाने को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा के खिलाफ शिकायतें चुनाव आयोग के समक्ष रखी गई हैं. कांग्रेस ने उम्मीद जताई है कि आयोग उपरोक्त शिकायतों का त्वरित और समयबद्ध तरीके से संज्ञान लेगा.