इस कार्तिक मास करें श्रीहरी की उपासना, मिलेगी कष्टों से मुक्ति, जाने पूजा के नियम…

रायपुर. कार्तिक मास 29 अक्टूबर से शुरू हो गया है. इस महीने में व्रत, तप और पूजा पाठ करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है. इस महीने धर्म और धन दोनों से संबंधित कई प्रयोग और नियम हैं. कार्तिक मास में वैसे विशेष रूप से श्रीहरी की उपासना की जाती है. कार्तिक मास में तुलसी का रोपण और विवाह सर्वोत्तम माना जाता है. इस महीने दान करने से शुभ फल प्राप्त होते हैं. खासतौर पर दीपक का दान करने से बड़ा लाभ मिलता है. हिंदू धर्म में कार्तिक के महीने का विशेष महत्व है. इस विष्णु भगवान की विशेष कृपा बनी रहती है. साथ ही तुलसी जी की भी पूजा-अर्चना की जाती है. इस मास में स्नान, दान, दीप करने से कष्टों से मुक्ति मिलती है. कार्तिक में सुबह जल्दी उठकर स्नान करने से खास फल प्राप्त होता है.

कार्तिक मास उपाय (Kartik Maas ke Niyam 2023)

कार्तिक मास में मां लक्ष्मी की कृपा के लिए दिवाली जैसा बड़ा पर्व मनाया जाता है. फिर भी कार्तिक मास में हर दिन मां लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए उपाय किए जाने चाहिए. कार्तिक माह में रोज रात्रि को भगवान विष्णु और लक्ष्मी जी की संयुक्त पूजा करें. गुलाबी या चमकदार वस्त्र धारण करके उपासना करें.

कार्तिक मास के नियम (Kartik Maas ke Niyam 2023)

तुलसी पूजा

कार्तिक महीने में तुलसी की पूजा, रोपण और विवाह कराना बहुत शुभ होता है. इस महीने में तुलसी का सेवन करना और उनकी पूजा करना खास महत्व रखता है. कहा जाता है कि इस महीने में तुलसी की पूजा करने से विवाह संबंधी दिक्कते दूर होती हैं.

दीपदान

शास्त्रों में कार्तिक मास में सबसे प्रमुख काम दीपदान करना बताया गया है. इस महीने में नदी, पोखर, तालाब और घर के एक कोने में दीपक जलाया जाता है. इस महीने दीपदान और दान करने से अक्षय शुभ फल की प्राप्ति होती है.

जमीन पर सोना

कार्तिक के महीने में भूमि पर सोना भी एक प्रमुख नियम माना गया है. धरती पर सोने से मन में सात्विकता का भाव आता है तथा अन्य विकार भी समाप्त हो जाते हैं.

तेल लगाना वर्जित

कार्तिक महीने में शरीर पर तेल लगाने की भी मनाही होती है. कार्तिक महीने में केवल एक बार नरक चतुर्दशी के दिन ही शरीर पर तेल लगाना चाहिए.

दहलन खाना नहीं लेना चाहिए

कार्तिक महीने में दिलहनी यानी उड़द, मूंग, मसूर, चना, मटर राई खाने पर भी मनाही होती है. इसके अलावा इस महीने में दोपहर में सोने को भी मना किया जाता है.

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