मुंगेली। आज मुंगेली शहर के प्रतिष्ठित नागरिक हम सबके प्रेरणाश्रोत आदरणीय बाबूजी शांतिलाल जी लुनिया व मां रुक्मणी के विवाह की 71 वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है। जिसमे परिजनों, शुभचिंतको के बधाई का सिलसिला शुरू हो गया।मां-बाबू जी का रिश्ता हम सभी के लिए एक उपहार है। इन वर्षों में, परिवार को उनके गहरे बंधन की झलक मिली है जो अक्सर शब्दों से परे होता है।
पोता मोहित का कहना है ”यह स्पष्ट है कि मैं अपने दादा यानि बाबू जी की बहुत प्रशंसा करता हूं.” ” उनके अनुशासन पर गर्व है”
मोहित ने बताया कि जब मैंने अपने दादाजी से स्वस्थ विवाह का रहस्य पूछा, तो उन्होंने कहा कि यह सरल है: अनावश्यक टकराव से बचें। जब हम गुस्से में होते हैं तो हम ऐसी बातें कहते हैं जो हमारा मतलब नहीं होता, और हम एक-दूसरे की भावनाओं को ठेस पहुँचाते हैं। वह कहते हैं, इससे किसी का भला नहीं होता। जब आप बेहतर मानसिक स्थिति में हों तो इस पर बात करें। धैर्य किसी भी रिश्ते में सद्भाव और शांति बनाए रख सकता है।यदि आप ऐसा करते हैं, तो जीवन एक गीत की तरह होगा।
amrittimes.com की ओर से इस ख़ास मौक़े पर माँ-बाबूजी को बधाई.…