पैनकेक पश्चिमी देशों के नाश्ते का एक प्रमुख व्यंजन,पैनकेक को बनाकर प्लेट में परोसने की बजाय रखते हैं सिर पर

Pancake Day : यहां के लोग पैनकेक को बनाकर प्लेट में परोसने की बजाय अपने सिर पर रखते हैं. आइए इसके बारे में विस्तार से जानते हैं. पैनकेक पश्चिमी देशों के नाश्ते का एक प्रमुख व्यंजन है, खासकर अमेरिका में यह सबसे ज्यादा लोकप्रिय है. यही नहीं इस व्यंजन की उत्पत्ति का जश्न मनाने के लिए कई देशों में एक निश्चित दिन भी है, लेकिन नीदरलैंड के लोग अपने डच पैनकेक दिवस को बहुत ही अनोखे तरीके से मनाते हैं. कब हुई इस दिवस की शुरूआत?

हर साल 29 नवंबर को नीदरलैंड के कई निवासी डच पैनकेक का उत्सव मनाने के लिए अपने सिर पर पैनकेक रखते हैं. इस उत्सव की शुरुआत 1986 में डच कार्टूनिस्ट जान क्रुइस के एक कार्टून से हुई थी, जिसमें एक पिता शाम को घर आता है और अपने परिवार के लोगों को सिर पर पैनकेक पहने हुए पाता है. 3 दशक बाद जान ने द गॉस्पेल ऑफ सेंट पैन्नेकोएक के साथ इस विचार का विस्तार किया.

डच पैनकेक से जुड़ी कहानी

द गॉस्पेल ऑफ सेंट पैन्नेकोएक एक कॉमिक हैं, जिसमें 12वीं सदी के साधुओं की कहानी है. जो पैनकेक का स्वाद लेकर एक युवा साधू का जन्मदिन मनाते हैं. इसी दौरान एक बूढ़े साधू की मौत हो जाती है तो एक युवा साधू अपना पैनकेक उसके सिर पर रख देता है. इसके बाद एक परी आती है, जो साधू के सिर पर रखे केक को पलट देती है. इसे चमत्कार माना जाता है.

डच पैनकेक का इतिहास

डच पैनकेक नीदरलैंड से नहीं, बल्कि चीन और नेपाल से आते हैं. पहले इसकी मुख्य सामग्री कुट्टू का आटा था और इसका उपयोग पहली बार 12वीं शताब्दी में किया गया था. पुराने जमाने में डच के लोगों के पास पैनकेक को बनाने का एक अलग तरीका था. तब पैनकेक को बनाने के लिए कुट्टू का आटा, पानी, दूध और मक्खन का इस्तेमाल होता था. यह बैटर अब फ्रेंच क्रेप्स के लिए इस्तेमाल किया जाता है.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *