• योगेश बंसल
छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव में कई विधानसभा के परिणाम बहुत दिलचस्प आए पर अंबिकापुर सीट का बाप री बाप..
मतलब कोई सोचा नहीं होगा कि राजा साहेब को भी चुनाव हार जाने की फीलिंग महसूस होगी.. पर ये बात तो सच है की बीजेपी के जीते विधायक राजेश अग्रवाल ने एक राजा को जमीन पर ला के पटक दिया.. बाबा टी एस सिंहदेव को राजेश अग्रवाल ने विधानसभा चुनाव में न सिर्फ हराया बल्कि एक अहंकार को भी जला कर राख कर दिया है.. वैसे तो राजा साहेब 5 साल में अपनी इमेज खो ही चुके थे, क्यों की ढाई-ढाई साल के मुख्यमंत्री बनने के चक्कर में बाबा ना तो विभाग के लिए और न ही अपने क्षेत्र की जनता के लिए कुछ कर पाए.
बाबा वैसे तो बहुत सुलझे इंसान हैं पर उनकी खुद की लालसा ने उनके सभी अरमानों पर पानी फेर दिया.. नतीज़ा ये रहा की बाबा का ये गुरुर छू-मंतर हो गया की अंबिकापुर की जनता हमेशा उनकी प्रजा बन के रहेगी..!
बाबा को अब ये शायद समझ में आ गया है की प्रेम और विश्वास पद के पीछे भागने से नही मिलता.. उसके लिए जनता के बीच उनके साथ खड़े रहने से मिलता है जो की इस बार के बीते चुनाव ने बाबा को समझा दिया है।
आज अपनी हार पर बाबा ने एक प्रतिक्रिया दी की ऐसे हार के तो नही बैठ सकता.. ये सही भी है की हार के क्यों बैठना पर इस प्रतिक्रिया में भी बाबा के अंदर राजवाड़ा वाला अहम नज़र आ रहा है ये कभी आम आदमी नही बन पाएंगे.. और वोट मांगने आम आदमी के पास जायेंगे.. वाह..!
अरे कैसी हार और कैसी जीत बाबा..? अगर जनता के बीच बाबा को राजा का खिताब मिला है तो उनको अपनी राजनीतिक लालसा को अब विराम देकर जनता के बीच रहना चाहिए.. पर इस प्रतिक्रिया से अब तो ये तय है की बाबा को हराने वाले राजेश अग्रवाल का अब बड़ा प्रोटोकाल होगा.. क्योंकि उनके लिए अब आगे का सफ़र बड़ा चुनौती भरा होगा, वो इसलिए की बड़ी लड़ाई की जीत को कायम रखने के लिए बड़े पोर्टफोलियो की ज़रूरत पड़ेगी.. इसका कारण है कि सरगुजा संभाग में बाबा को आज भी राजा ही बोला जाता है हारा हुआ विधायक नहीं और उनके प्रभाव के सामने एक विधायक जैसे पद की कोई वैल्यू नही है. इसलिए राजेश अग्रवाल को अब बाबा का प्रभाव खत्म करने के लिए एक बड़े प्रोटोकॉल की ज़रूरत पड़ेगी. एक विधायक बाबा के प्रभाव के सामने अदना सिपाही नज़र ही आएगा..!
ख़ैर बाबा आप के लिए ये एक ऐसा समय है जिसमें आपको असलियत का ज्ञान प्राप्त होगा. राजपाट तो सब लुट चुका है पर अब असल का ज्ञान मिलेगा. बाकी राजेश अग्रवाल ने गज़ब कर डाला है और बाबा ये राजेश अग्रवाल भी राजा की ही प्रजा है. बाबा को खुद राजेश अग्रवाल के लिए भव्य पार्टी का आयोजन करना चाहिए क्यों की राजा को इससे बड़ी खुशी क्या मिलेगी कि उनकी प्रजा से ही निकल के एक अदना सा व्यक्ति आगे बढ़ गया है और ये ही तो एक राजा का कर्तव्य है की अपने लोगों की सफ़लता पर खुश हो के प्रोत्साहित करे वो भी बिना किसी इगो के. बाबा को सबसे पहले राजेश अग्रवाल को जीत की बधाई देनी चाहिए!