एयरबैग (Airbags) गाड़ियों में मिलने वाला एक ऐसा सेफ्टी फीचर है जो सड़क हादसे वक्त आपकी जान बचाने में करता है मदद

Car Airbags: एयरबैग (Airbags) गाड़ियों में मिलने वाला एक ऐसा सेफ्टी फीचर है जो सड़क हादसे के वक्त आपकी जान बचाने में मदद करता है. नई गाड़ी खरीदते वक्त हर कोई शोरूम जाकर ये सवाल जरूर पूछता है कि आखिर कार में कितने एयरबैग्स मिलेंगे, सरकार भी अब Bharat NCAP के जरिए गाड़ियों की मजबूती की जांच करने के बाद रेटिंग देगी.

सड़क हादसे के वक्त एयरबैग खुलेंगे या नहीं, ये इस बात पर निर्भर करता है कि आपकी आदत कैसी है? आप कहेंगे ये कैसा सवाल है, जी हां सवाल सही है अगर ड्राइविंग के दौरान आप लापरवाही करते हैं तो Airbags भी आपकी जान नहीं बचा पाएंगे.

हम आज आपको इस बात की जानकारी देंगे कि आखिर सड़क हादसे के वक्त भी ऐसा क्यों होता है कि एयरबैग खुल नहीं पाते और ड्राइवर की जान पर बात बन आती है. क्या है एयरबैग न खुलने के पीछे का बड़ा कारण, आइए जानते हैं.

सर्विसिंग

कार को ठीक रखने के लिए जैसे कार की सर्विसिंग जरूरी है ठीक वैसे ही कार में लगे हुए एयरबैग को भी सर्विस करवाने की जरूरत पड़ती है. अगर आपने कार के एयर बैग का ठीक तरह से रख-रखाव नहीं किया तो ये खराब हो सकते हैं. आपकी इस लापरवाही से कई बार जरूरत पड़ने पर एयरबैग नहीं खुलते है. इससे आपकी जान को खतरा हो सकता है. इसलिए जरूरी है कि आप समय-समय पर कार के एयरबैग जरूर चेक करवाते रहें.

सीट बेल्ट न बांधना

एयरबैग को प्रभावी ढंग से काम करने के लिए ड्राइवर और यात्रियों को हमेशा सीट बेल्ट बांधनी चाहिए. एयरबैग, सीट बेल्ट के साथ काम करते है ताकि चालक और यात्रियों को सुरक्षित रखा जा सके. अगर सीट बेल्ट नहीं बंधी होगी तो एयरबैग खुलने पर चालक या यात्री को गंभीर चोट लग सकती है. इसीलिए, इन दोनों को साथ से काम करने के लिए डिजाइन किया जाता है.

बंपर गार्ड लगाना

कार के बंपर को ट्रैफिक में दूसरी कार से बचाने के लिए कई लोग अपनी कार में बंपर गार्ड लगवाते हैं. इससे फायदा होने की जगह हादसे के समय ज्यादा नुकसान होता है. हादसे के समय गार्ड के कारण एयरबैग को खोलने वाले सेंसर यह तय करने में देरी कर देते हैं कि उन्हें कब खुलना है. जिससे कार में सवार लोगों को देरी से एयरबैग खुलने के कारण गंभीर चोट लगने का खतरा बढ़ जाता है.

कार की गति का कम होना

एयरबैग आमतौर पर 20 मील प्रति घंटे या उससे अधिक की गति से होने वाले हादसों में खुलते हैं. अगर कार की गति बहुत कम है, तो एयरबैग नहीं खुलेंगे. हालांकि, यह कंपनी के ऊपर निर्भर करता है कि वह कार में एयरबैग को कितनी गति पर खुलने के लिए डिजाइन करती है. यह गति के साथ-साथ इंपैक्ट पर भी निर्भर करता है.

नकली एयर बैग

कई बार कार में एयरबैग नहीं होने पर बाहर से खरीदकर एयरबैग लगवाते हैं. ऐसे में कुछ लोग पैसों के चक्कर में सस्ते और नकली एयर बैग लगवा लेते है. ये एयरबैग लगवाते वक्त सही से काम करते हैं लेकिन बाद में कई बार धोखा दे जाते हैं. इसलिए हमेशा अच्छी क्वालिटी के एयर बैग ही लगवाने चाहिए.

ओवरस्पीडिंग करना

सरकार की ओर से हाइवे, एक्सप्रेस-वे के साथ ही शहरों में भी हादसों को कम करने के लिए स्पीड लिमिट तय की हुई है. लेकिन अगर कोई भी व्यक्ति कार को ओवर स्पीड में चलाता है. तो हादसे के समय एयरबैग खुलने के बाद भी गंभीर चोट लगने के कुछ मामले सामने आए हैं. इसलिए सलाह दी जाती है कि कभी-भी कार को लिमिट से ज्यादा स्पीड में नहीं चलाना चाहिए.

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