प्रेस क्लब बिलासपुर के संविधान संशोधन की अपील हुई खारिज

छत्तीसगढ़ फर्म्स एवं संस्थाएं के रजिस्ट्रार ने जारी किया आदेश

बिलासपुर। बिलासपुर प्रेस क्लब के संविधान में संशोधन के लिए की गई प्रक्रियाओं को कार्यालय रजिस्ट्रार फर्म्स एवं संस्थाएं छत्तीसगढ़ के रजिस्ट्रार सत्यनारायण राठौर ने भी मौखिक और लिखित सुनवाई के बाद खारिज कर दिया।श्री राठौर ने इसके पहले प्रेस क्लब के चुनाव को रोकने की गई अपील को भी खारिज करते हुए चुनाव कराए जाने का आदेश दिया था। दरअसल पूर्व प्रेस क्लब अध्यक्ष वीरेंद्र गहवई ने कार्यकाल समाप्त होने की दशा में प्रेस क्लब का चुनाव न कराए जाने और 4 माह तक कार्यकाल को और आगे बढ़ाए जाने कार्यकारिणी की बैठक में एक प्रस्ताव पारित किया था,जिसका विरोध सचिव के रूप में इरशाद अली ने विधिवत तरीके से सहायक पंजीयक फर्म्स एवं संस्थाएं बिलासपुर संभाग से किया था। इसके बाद पूर्व अध्यक्ष ने प्रेस क्लब के पुराने संविधान को संशोधन करने के लिए 20 जुलाई को फिर से विशेष आमसभा बुलाकर कार्रवाई की, जिसमें दूषित तरीके से प्रक्रिया पूरी करने की कोशिश की गई। मौके पर इस मामले को लेकर जमकर विवाद भी हुआ और मामला फिर से सहायक पंजीयक फर्म्स एवं संस्थाएं बिलासपुर के पास पहुंच गया। सहायक पंजीयक अजय चौबे ने 20 जुलाई की आमसभा में संविधान संशोधन को लेकर लाए गए प्रस्ताव का अवलोकन और जांच के बाद उसे 22 अगस्त 2023 को आदेश क्रमांक 327/2023 के तहत खारिज कर दिया। इसके साथ ही उन्होंने चुनाव कराने के लिए भी निर्देश जारी किए।श्री चौबे के आदेश में यह उल्लेख था कि 31 अगस्त तक चुनाव की प्रक्रिया शुरू करने का प्रथम अधिकार प्रेस क्लब अध्यक्ष को है अगर उनके द्वारा समय पर चुनाव की प्रक्रिया शुरू नहीं की जाती है तो 1 सितंबर से 20 सितंबर के बीच चुनाव की प्रक्रिया सचिव इरशाद अली निभाएंगे। सहायक पंजीयक के इस आदेश को वीरेंद्र ने हाईकोर्ट में चैलेंज किया। माननीय हाई कोर्ट ने इस याचिका का सुने जाने योग्य न पाते हुए अपील में जाने के लिए निर्देशित किया और हाई कोर्ट ने मामले का निराकरण कर दिया। पूर्व अध्यक्ष ने रजिस्ट्रार कार्यालय रायपुर में पहुंचकर अपील प्रस्तुत की जिसमें चुनाव न होने देने और संविधान संशोधन किए जाने की मांग की गई।पंजीयक सत्यनारायण राठौर ने चुनाव न कराए जाने की बात को खारिज करते हुए किसी तरह का चुनाव रोकने से इनकार कर दिया था।पंजीयक द्वारा चुनाव कराए जाने के आदेश को लेकर श्री गहवई फिर से हाईकोर्ट पहुंच गए जहां सुनवाई के बाद 22 सितंबर 2023 को हाईकोर्ट ने प्रेस क्लब के चुनाव को रोके जाने से इनकार कर दिया और उनकी याचिका को खारिज कर दी। 23 सितंबर 2023 को प्रेस क्लब का चुनाव विधिवत रूप से संपन्न हो गया जिसमे इरशाद अली अध्यक्ष सहित उनकी पूरी कार्यकारिणी चुनाव जीत कर प्रेस क्लब का संचालन करने लगी। इधर संविधान संशोधन का मामला अभी भी रजिस्ट्रार कार्यालय रायपुर में चल ही रहा था। इस मामले में पंजीयक ने अपीलकर्ता वीरेंद्र गहवई के मौखिक और लिखित तर्क और सचिव इरशाद अली के लिखित और मौखिक तर्क को सुनने के बाद यह पाया की अपीलकर्ता की अपील सुनने लायक नहीं है। उन्होंने 7 दिसंबर 2023 को जारी आदेश में उन सारी नियम विरुद्ध की गई मांग और दलील का उल्लेख किया है जिसके आधार पर उनकी अपील चलने लायक नही मानी गई और खारिज कर दी गई। रजिस्ट्रार के आदेश में लिखा गया है कि प्रेस क्लब के संविधान में चुनाव की तिथि बढ़ाने का कोई प्रावधान ही नहीं है। 20 जुलाई 2023 को संविधान संशोधन को लेकर की गई आमसभा में भी गलत तरीके से प्रक्रिया पूरी करने की अधूरी कोशिश की गई है,जैसे कोरम के अभाव में आमसभा को स्थगित करने का उल्लेख किया गया मगर बाद में उसे सर्वसम्मति से पारित होना बताया गया जिसे नियमानुसार नहीं पाया गया। उन्होंने कहा कि 31 अगस्त तक चुनाव कराने की जिम्मेदारी वर्तमान अध्यक्ष को दी गई थी जिसमें वे असफल रहे। उसके बाद सचिव को मिले मौके में उन्होंने निर्धारित समय में निर्वाचन की प्रक्रिया पूर्ण कर ली और नई बॉडी का गठन हो गया। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि सचिव द्वारा कराए गए चुनाव की प्रक्रिया में अपीलार्थी भी शामिल हुआ है इसका मतलब की चुनाव की प्रक्रिया पूरी तरह सफल और विवाद से परे था, इसलिए पंजीयक सत्यनारायण राठौर ने सहायक पंजीयक बिलासपुर के 22/08/2023 के आदेश में छत्तीसगढ़ सोसाइटीकरण अधिनियम 1973 की धारा 32 में उल्लेखित प्रावधानों के विरुद्ध नहीं पाया और पूर्व अध्यक्ष के अपील को खारिज कर दिया। संविधान संशोधन को लेकर आए आदेश पर प्रेस क्लब अध्यक्ष इरशाद अली ने कहा यह प्रेस क्लब के वरिष्ठ सदस्यों के मान सम्मान की जीत है। गलत तरीके से नियम विरुद्ध की गई प्रक्रियाओं का हश्र कुछ इसी तरह होता है।श्री अली ने सच की लड़ाई में शामिल सभी सदस्यों को इस आदेश को लेकर बधाई दी है।

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