नारायणपुर: जिला अस्पताल से बड़ी लापरवाही सामने आई है. कड़ाके की ठंड में एक महिला 9 माह के बच्चे के शव को गोद रख कर रोती रही. मगर अस्पताल प्रबंधन को इसकी कोई फ़िक्र नहीं थी. रोती महिला को तहसीलदार ने मदद की.
बता दें, ग्राम बाहकेर निवासी परिजन अपने 9 माह के बच्चे को बीमारी के इलाज के लिए उप स्वास्थ्य केंद्र छोटेडोंगर लेकर पहुंचे थे. उप स्वास्थ्य केंद्र छोटेडोंगर में डॉक्टर ने बच्चे को जिला अस्पताल नारायणपुर में रेफर कर दिया.
बच्चे को जिला अस्पताल में रखने के थोड़ी देर बाद 8 बजे अचानक डॉक्टरों ने बच्चे को जगदलपुर रेफर करने की बात कही. इस बात से बच्चे के पिता घबरा गए और निजी अस्पताल तक जाने के लिए एम्बुलेंस की मांग की. जिसके बाद अस्पताल प्रबंधन ने एम्बुलेंस देने से इंकार कर दिया और कुछ दस्तावेजों में हस्ताक्षर करने के बाद अस्पताल से जाने को कह दिया.
मजबूर माता -पिता अपने बच्चे की जान बचाने बाइक से निकलने ही वाले थे तभी डॉक्टर की लापरवाही के कारण अस्पताल में दरवाजे पर ही नौ माह के मासूम बच्चे की मौत हो गई.