रायपुर : छत्तीसगढ़ में विधानसभा में प्रश्न करते हुए सरकारी उड़ान पर खर्च की जानकारी मांगी गई थी। जिस पर मिले जवाब में यह पता चला है कि पिछले 5 सालों में 400 करोड़ रुपये का खर्च किया गया है। जानकारी में यह भी पता चला है कि इसमें लगभग 260 करोड़ रुपये निजी विमान कंपनियों के खाते पर गए है।इसकी जानकारी प्रदेश के मुख्यमंत्री ने विधानसभा में लगाए गए सवाल की लिखित में जानकारी दी है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने जानकारी देते हुए पिछले पांच सालों के खर्चे का व्योरा प्रस्तुत किया है।विधायक राजेश मूणत ने विधानसभा में किया था सवालसत्ता पक्ष के विधायक राजेश मूणत ने विधानसभा में लिखित सवाल लगाते हुए जानकारी मांगी की सरकार ने 1 जनवरी साल 2019 से लेकर नवंबर 2023 तक हेलीकॉप्टर और विमान पर कितना पैसा खर्चा किया है। विधायक राजेश मूणत के इस सवाल के बाद छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री और विमान विभाग के मंत्री विष्णुदेव साय ने प्रश्न का लिखित जवाब देते हुए पूरी जानकारी दी है।सीएम साय ने अपने जवाब में बताया कि सरकारी हेलीकॉप्टर के रखरखाव, पार्ट्स और इसकी खरीदी में 19 करोड़ 62 लाख 33 हजार 506 रुपए की राशि खर्च की गई है। इसके साथ ही इसमें अन्य खर्च 14 करोड़ 76 लाख 15 हजार का है।निजी हवाई खर्च पर सीएम ने कहामुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने अपने जवाब में कहा कि 1 जनवरी साल 2019 से लेकर नवंबर 2023 तक निजी हेलीकॉप्टर कंपनी को 190 करोड़ 61 लाख 93 हजार 891 रुपये इसके साथ ही विमान कंपनी में किया गया खर्च 73 करोड़ 65 लाख 54 हजार 800 रुपये है। जिसका भुगतान किया भी जा चुका है। जानकारी के हिसाब से यह भुगतान किराए के रूप में किया गया है।सीएम ने साल 2019 से 2023 तक की दी जानकारी
इसके साथ ही सीएम ने आगे जानकारी में बताया कि 1 जनवरी से 31 दिसंबर 2019 तक हेलीकॉप्टर का किराया 148817358 रुपये और विमान का किराया 36789719 है। 1 जनवरी से 31 दिसंबर 2020 तक हेलीकॉप्टर का किराया 105481238 रुपये और विमान का किराया 51930755 है। 1 जनवरी से 31 दिसंबर 2021 तक हेलीकॉप्टर का किराया 171486079 रुपये और विमान का किराया 174929680 है। 1 जनवरी से 31 दिसंबर 2022 तक हेलीकॉप्टर का किराया 692045388 रुपये और विमान का किराया 256125083 है। 1 जनवरी से 30 नवंबर 2023 तक हेलीकॉप्टर का किराया 788364388 रुपये और विमान का किराया 256125083 है।