रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र के दौरान छत्तीसगढ़ के स्कूल शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने शिक्षकों की भर्ती के संबंध में बड़ा ऐलान किया था। कहा था कि जल्द ही छत्तीसगढ़ में 33 हजार शिक्षकों की भर्ती शुरू की जाएगी। मंत्री की घोषणा के बाद अफसरों ने न केवल भर्ती नियमों में संशोधन का प्रस्ताव तैयार कर सामान्य प्रशासन विभाग को भेज दिया। उधर, व्यापम को शिक्षक पात्रता परीक्षा लेने के लिए टाइॅम टेबल मांग लिया। व्यापम के परीक्षा नियंत्रक ने एससीईआरटी डायरेक्टर को 21 जुलाई को टीईटी परीक्षा लेने का टेंटेटिव डेट भी दे दिया। बता दें, डीपीआई ने भर्ती के संबंध में स्कूल शिक्षा विभाग को प्रस्ताव भेजा था, उसके अनुसार 33 हजार शिक्षकों में 19129 सिर्फ सहायक शिक्षकों की भर्ती होनी थी। इसके अलावा 6078 शिक्षक, 2423 व्याख्याताओं की भर्ती शामिल है। इन जंबो भर्तियांं पर 1692 करोड़ का सलाना व्यय आता।
स्कूल शिक्षा मंत्री की घोषणा के बाद विभाग ने वित्तीय स्वीकृति के लिए फाइल सरकार को भेजी थी। मगर करीब 15 दिन गुजर जाने के बाद भी इस फाइल को हरी झंडी नहीं मिल पाई है। इसके लिए दो वजहें बताई जा रही हैं। पहला सरकार के खजाने पर इस समय लोड ज्यादा है। और, दूसरा, सूत्रों का कहना है कि स्कूल शिक्षा मंत्री ने विधानसभा में सीधे इतनी बड़ी भर्ती का ऐलान कर दिया। जबकि, इससे पहले कैबिनेट में विचार करने के साथ ही सरकार की नोटिस में भी इसे लाना था। मगर ऐसा हुआ नहीं। ऐसे में, भर्ती लटकनी ही थी। अब आचार संहिता में दो-तीन दिन बच गए हैं। अब जो होगा, वह लोकसभा और नगरीय निकाय चुनाव के बाद ही होगा। याने अगले साल से पहले भर्ती मुमकिन नहीं प्रतीत हो रहा।छत्तीसगढ़ में बरसों से शिक्षकों के हजारों पद खाली है। साल-दर-साल संख्या बढ़ते हुए अब 50 हजार पर पहुंच गई है। इनमें 14 हजार पद प्रमोशन के हैं। प्रमोशन की प्रक्रिया प्रारंभ हो गई है।