नारायणपुर। जिले के एक सरकारी स्कूल में पढ़ने वाली सातवीं-आठवीं की छात्राओं के साथ वहां के हेडमास्टर और दो शिक्षक यौन उत्पीड़न कर रहे थे। मामला सामने आने के बाद से ही शिक्षक फरार हैं। वहीं, थाने में शिक्षकों के खिलाफ आईपीसी के तहत मामला दर्ज करते हुए जांच की जा रही है।
जानकारी के अनुसार, स्कूल के हेडमास्टर नरेंद्र ठाकुर और अन्य दो शिक्षक नारायण प्रसाद देवांगन और धर्मेंद्र देवांगन ने स्कूली छात्राओं के साथ अश्लील हरकतें करने के साथ ही जबरन बच्चियों को बैड टच भी करते थे। इन शिक्षकों के हौसले इतने बुंलद थे कि वे बैड टच के साथ ही छात्राओं से अश्लील बातें भी किया करते थे। इतने पर भी जब शिक्षकों का जी नहीं भरता था तो वे शिक्षक अपने मोबाइल पर जबरन छात्राओं को अश्लील वीडियो भी दिखाते थे। स्कूल के तीन शिक्षक एक साथ मिलकर इस तरह से अश्लील हरकतें कर रहे थे। ऐसे में डरी छात्राएं खुलकर भी इसका विरोध भी नहीं कर पा रहीं थी और न ही इस बात की जानकारी परिजनों को दे पा रहीं थी। इन धाराओं के तहत हुआ मामला दर्ज
ऐसे हुआ खुलासा
स्कूल में कुछ दिन पहले महिला बाल विकास विभाग की एक टीम जागरूकता शिविर लगाने पहुंची थी। इस शिविर में आये अधिकारियों ने चर्चा में बताया था कि बच्चों के साथ कुछ भी गलत हो रहा है तो घबराने की जरूरत नहीं है। टीम के साथ ही कानून उनकी हर मदद करेगा। बच्चे चाहें तो अभी नहीं तो बाद में फोन पर भी जानकारी दे सकते हैं। शिविर में मौजूद छात्राओं ने शिकायत के लिए अपने पास नंबर रख लिया था। इसके बाद जब टीम स्कूल से लौट गई, तब बच्चियों ने फोन पर अपने साथ होने वाले अत्याचार की कहानी बताई।पांच छात्राओं ने दिया बयान
मामले में जिला प्रशासन की ओर से सुनवाई नहीं होती देख गांव के लोगों ने कई स्तरों पर शिकायतें की थी। इसी बीच शनिवार को कांग्रेस का आठ सदस्यीय जांच दल जिसमें बालोद विधायक संगीता सिंह के नेतृत्व में सिहावा विधायक अंबिका मरकाम, भानुप्रतापपुर विधायक सावित्री मंडावी, पूर्व विधायक लक्ष्मी ध्रुव, अनीता शर्मा, कांकेर से सुभद्रा सलाम, नारायणपुर जिला पंचायत अध्यक्ष श्यामवती नेताम, नारायणपुर नगर पालिका अध्यक्ष सुनीता मांझी शनिवार को गांव पहुंची। यहां टीम ने पांच पीड़ित छात्राओं से करीब तीन घंटे तक बातचीत की। इस दौरान छात्राओं ने टीम कें सदस्यों को बताया कि कैसे उनके साथ शिक्षक व्यवहार करते थे।