दिल को दहला देने वाला मामला : बेटे ने की बूढी माँ की हत्या…शव को तालाब में फेंका…जाने क्या है पूरा मामला

मनेन्द्रगढ़। भरतपुर जिले के खड़गंवा क्षेत्र के ग्राम धनपुर बैगापारा में एक दिल को दहला देने वाला मामला सामने आया है जहां बूढी मां का इलाज नहीं करने को लेकर सौतेले बेटे ने अपनी बूढी मां को टोपी से नाक और मुंह दबाकर हत्या कर दी। और उसकी लाश को एक गमछे में पत्थर से बांधकर गहरे पानी में फेंक दिया और पुलिस थाने में आकर रिपोर्ट दर्ज कराया कि आठ मार्च की शाम 5 बजे घर से गई थी जिस का शव घर के पीछे वाले तालाब में मिला है।

दरअसल यह मामला मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर के खड़गंवा क्षेत्र के धनपुर बैगापारा के रहने वाले लाल साय बैगा उम्र 60 वर्ष ने दिनांक नव मार्च को थाने में आकर रिपोर्ट दर्ज कराया था कि इसकी मौसी माँ सुमरिया आठ मार्च को शाम 05 बजे घर से चली गई थी जिसका शव नव मार्च को घर के पीछे तालाब में मिली है।

खड़गंवा पुलिस के द्वारा मौके पर पहुंच कर शव को पानी से निकाला और मर्ग कायम कर पोस्टमार्टम के लिए भेजा इस दौरान मृतिका के शव को जब तालाब से निकालने पर पाया गया कि मृतिका का हत्या कर चेहरा सिर, गला को साल गमछा में बांध कर गमछा में पत्थर से बांधकर और दोनो पैर को गमछा से बांध कर किसी अज्ञात व्यक्ति के द्वारा तालाब में फेंक दिया गया है। जब पुलिस के द्वारा मृतिका का पोस्टमार्टम कराया गया तब पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर डॉक्टर द्वारा मृतिका की मृत्यु को होमोसाईडल (हत्या) बताया गया जिस पुलिस ने मर्ग पर अपराध पंजीबद्ध कर जांच में जुटी।

और पूछताछ किया, तब प्रार्थी लाल साय जो मृतिका का सौतेला लड़का था जो सौतेली मां मृतिका सुमरिया बाई जो 70 वर्ष की बुजुर्ग महिला थी जो डण्डा लेकर घूमती रहती थी और पूर्व में गिरने से हाथ पैर में चोट आने से इलाज कराने में पैसा खर्च हो जाता है यह बोलकर विवाद करता था और 08 मार्च को अपने भतीजा नईहर के साथ शराब पीकर घर जाते वक्त उसी समय लाल साय की सौतेली मां सुमरिया रास्ते में गिरी पड़ी थी, जो अपने सौतेली बेटे को आवाज़ दे रही थी। शराब के नशे में धुत लालसाय द्वारा बार-बार यह बोलकर गिर जाती है कहकर भतीजे नईहर से मिलकर अपने पहने टोपी से नाक मुंह को और पैर को दबा कर अपनी मौसी मां का हत्या कर दिया। और फिर उसके बाद मृतिका सुमरिया को उठा कर घर के पीछे तालाब के पास ले जाकर मृतिका का शव पानी से बाहर न निकल पाये यह सोचकर मृतिका का साल और गमछा को चेहरा, गले, सिर में बांधकर और गमछा में पत्थर बाधकर और दोनो पैर को मृतिका के गमछे से ही बांधकर सच छुपाने के उद्देश्य से तालाब के गहरे पानी में फेंक दिया।

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