माफिया की मौत पर राजनीतिक मातम, जानिए मुख्तार के क्रूरता की कहानी

लखनउ, पूर्वांचल में अपराध का दूसरा नाम कहे जाने वाले मुख्तार अंसारी की गुरुवार की रात कार्डियक अरेस्ट की वजह से मौत हो गई। माफिया मुख्तार अंसारी की मौत के बाद पूरे उत्तर प्रदेश को हाई अलर्ट पर रखा गया है। इसकी बड़ी वजह ये भी है कि कभी मुख्तार के एक इशारे पर शहर में दंगे हो जाया करते थे। उस समय मुख्तार का ना सिर्फ अपराध की दुनिया में बोलबाला था, बल्कि उसे राजनीति में भी उसके नाम की तूती बोलती थी। यही वजह थी कि यदि पूर्वांचल में कोई पत्ता भी हिलता तो उसे मुख्तार की परमिशन लेनी पड़ती थी। वो मुख्तार अंसारी ही था जिसने कृष्णानंद राय से अपनी राजनीतिक दुश्मनी साधने के लिए उनके काफिले पर 500 गोलियों की बौछार करा दी। ऐसी कई कहांनियां हैं, जो मुख्तार के क्रूरता की कहानी बयां करतीं है।
आज जब मुख्तार अंसारी की हार्ट अटैक से मौत हो गई, तो कई राजनीतिक पार्टियां मातम में डूब गईं है और मुख्तार को मसीहा बनाकर उसको श्रघांजलि भे दे रहीं हैं।

मुख्तार अंसारी की मौत पर राजनेताओं ने जताया दुख, जानें किसने क्या कहा

उत्तर प्रदेश के टॉप माफिया से बाहुबली नेता बने मुख्तार अंसारी की आज दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई। मुख्तार अंसारी की मौत पर समाजवादी पार्टी ने दुख जताया है। सपा ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा है, “पूर्व विधायक श्री मुख्तार अंसारी जी का इंतकाल, दुःखद। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दें। शोकाकुल परिजनों को यह असीम दुःख सहने का संबल प्राप्त हो। विनम्र श्रद्धांजलि!”

पप्पू यादव ने बताया ‘सांस्थानिक हत्या’

वहीं हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुए पप्पू यादव ने भी मुख्तार अंसारी की मौत पर बड़े आरोप लगाए हैं। पप्पू यादव ने एक्स पर लिखा, “पूर्व विधायक मुख़्तार अंसारी जी की सांस्थानिक हत्या क़ानून, संविधान, नैसर्गिक न्याय को दफन कर देने जैसा है।”

तेजस्वी यादव ने किए गंभीर सवाल

बिहार के डिप्टी सीएम और आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने अपने सोशल मीडिया पर लिखा, “यूपी से पूर्व विधायक श्री मुख्तार अंसारी के इंतकाल का दु:खद समाचार मिला। परवरदिगार से प्रार्थना है कि दिवंगत आत्मा को शांति तथा शोकाकुल परिजनों को दु:ख सहने की शक्ति प्रदान करें। कुछ दिन पूर्व उन्होंने शिकायत की थी कि उन्हें जेल में जहर दिया गया है फिर भी इसे गंभीरता से नहीं लिया गया। ये न्यायसंगत और मानवीय नहीं है। संवैधानिक संस्थाओं को ऐसे विचित्र मामलों व घटनाओं पर स्वत: संज्ञान लेना चाहिए।”

दरअसल, ये घटना साल 2005 की है, लेकिन इस कहानी की शुरुआत 2002 से ही हो गई थी। साल 2002 के विधानसभा चुनाव में अंसारी परिवार के वर्चस्व वाली गाजीपुर की मोहम्मदाबाद विधानसभा सीट पर कृष्णानंद राय ने जीत हासिल कर ली थी। लेकिन राजनीति में मिली ये हार अंसारी बंधुओं को इतनी खली कि उन्होंने इसे अपनी जाती दुश्मनी बना ली। मन में बसी इस कसक को दूर करने का दिन तब आया जब कृष्णानंद राय एक क्रिकेट प्रतियोगिता का उद्घाटन करके वापस लौट रहे थे। इसी बीच मुख्तार गैंग के लोगों ने रास्ते में ही कृष्णानंद राय के काफिले पर गोलियों की बरसात कर दी। अपराधियों ने जब गोलियां चलानी शुरू की तो फिर उन्होंने फायरिंग के राउंड नहीं गिने। बताया जाता है कि उस दिन कृष्णानंद राय के काफिले पर 500 राउंड गोलियां चलाई गई थीं। इस पूरी घटना में 7 लोगों की मौत हो गई थी।

मरने वाले 7 लोगों के शरीर से ही 67 गोलियां बरामद 

फायरिंग किस कदर हुई इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि मरने वाले 7 लोगों के शरीर से ही 67 गोलियां बरामद की गईं। सभी सातों लोगों के शरीर को गोलियों से छलनी कर दिया गया था। हत्या की इस घटना को इस तरह से अंजाम दिया गया कि लोगों के जहन में मुख्तार के नाम का खौफ बैठ गया। हालांकि 2006 में कृष्णानंद राय की पत्नी अलका राय की याचिका पर हाईकोर्ट ने मामले की सीबीआई जांच कराने का आदेश दिया। बाद में 3 जुलाई 2019 को दिल्ली की सीबीआई कोर्ट ने अपना फैसला सुनाया और मुख्तार अंसारी सहित सभी 8 आरोपियों को बरी कर दिया।

राजनीति से अपराध की दुनिया तक कैसे स्थापित किया साम्राज्य

मुख्तार अंसारी और उसके गैंग के खिलाफ नई दिल्ली, पंजाब के अलावा यूपी के मऊ, वाराणसी, लखनऊ, आजमगढ़, बाराबंकी, चंदौली, सोनभद्र, आगरा और गाजीपुर में मुकदमे दर्ज हैं। मुख्तार के खिलाफ सबसे ज्यादा 22 मुकदमे गाजीपुर जिले में दर्ज हैं। माफिया डॉन मुख्तार अंसारी 25 अक्टूबर 2005 से जेल में बंद था।  मुख्तार और उसके गैंग के 297 बदमाशों के खिलाफ कुल 161 मुकदमे दर्ज हैं. मुख्तार अंसारी 5 बार विधायक रहा।
मुख्तार अंसारी को 36 साल पुराने गाजीपुर के शस्त्र लाइसेंस मामले आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी। 
मुख्तार और उसके गैंग के 175 शस्त्र लाइसेंस के मामले में कार्रवाई की गई है।
अब तक मुख्तार गैंग के पांच बदमाश एनकाउंटर में मारे जा चुके हैं।
मुख्तार गैंग के 164 बदमाशों पर गैंगस्टर एक्ट और 6 के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई की गई है।
मुख्तार और उसके साथियों की अपराध से अर्जित 608 करोड़ की संपत्ति ध्वस्त की जा चुकी है या जब्त की जा चुकी है।
मुख्तार और उसके गैंग के 215 करोड रुपए के अवैध कारोबार पर योगी सरकार ने अंकुश लगाया है।
मुख्तार के परिवार पर अपराध के आरोप
मुख्तार अंसारी के बड़े बेटे अब्बास अंसारी के खिलाफ आठ मुकदमे दर्ज हैं. इस समय अब्बास जेल में है।
मुख्तार अंसारी की पत्नी अफशा अंसारी के खिलाफ 13 मुकदमे दर्ज हैं. अफशा अंसारी फरार हैं. उन पर 75000 रुपए का इनाम भी है।
मुख्तार अंसारी के छोटे बेटे उमर अंसारी के खिलाफ छह मुकदमे दर्ज हैं. उमर फिलहाल जमानत पर है।
अब्बास अंसारी की पत्नी निकहत बानो के खिलाफ एक मुकदमा दर्ज है. निकहत जमानत पर चल रही है।
मुख्तार अंसारी के भाई सिबगतुल्लाह के खिलाफ चार मुकदमे हैं. फिलहाल वो जेल से बाहर हैं। 
मुख्तार अंसारी के भाई अफजाल अंसारी सांसद हैं. उन्हें भी एक मामले में सजा हुई है. फिलहाल वो जमानत पर हैं।

मुख्तार को कब-कब सजा हुई

21 सितंबर 2022 को राजधानी के आलमबाग थाने में दर्ज मामले में मुख्तार को 7 साल की सजा हुई।
23 सितंबर 2022 को हजरतगंज कोतवाली लखनऊ में दर्ज केस में मुख्तार को 5 साल की सजा हुई।
15 दिसंबर 2022 को हजरतगंज कोतवाली लखनऊ में दर्ज एक दूसरे केस में मुख्तार को 5 साल की सजा हुई।
29 अप्रैल 2023 को मोहम्मदाबाद कोतवाली गाजीपुर में दर्ज मुकदमे में 5 साल की सजा हुई।
5 जून 2023 को थाना चेतगंज वाराणसी में दर्ज मामले में उम्र कैद की सजा हुई।
26 अक्टूबर 2023 को थाना करंडा गाज़ीपुर में दर्ज मामले में 10 साल की सजा हुई।
15 दिसंबर 2023 को थाना भेलूपुर वाराणसी में दर्ज केस में 5 साल 6 महीने की सजा हुई।
13 मार्च 2024 को कोतवाली मोहम्मदाबाद गाजीपुर में दर्ज केस में उम्र कैद की सजा हुई।

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