नई दिल्ली। एटीएम का इस्तेमाल करना आपकी जेब पर और भारी पड़ सकता है। अब तक आप किसी भी बैंक के एटीएम से अपने पैसे निकालते थे तो आपकी फीस कम लगती थी, लेकिन अब इसके लिए आपको पहले से ज्यादा फीस देनी पड़ेगी। एटीएम उद्योग परिसंघ और भारतीय रिजर्व बैंक ने दूसरे बैंक के एटीएम से रकम निकालने या लेनदेन करने पर इंटरचेंज शुल्क बढ़ाकर 20 से 23 रुपए तक करने का फैसला लिया है। ज्यादा नकदी निकालने पर इससे अधिक सुविधा शुल्क भी लिया जा सकता है।
बता दें कि एटीएम उद्योग परिसंघ और भारतीय रिजर्व बैंक ने हाल ही में एक मीटिंग रखी थी। इस मीटिंग में उन्होंने दूसरे बैंक के एटीएम उपयोग करने पर शुल्क बढ़ाने को लेकर फैसला लिया है। बताया जाता है कि इंटरचेंज शुल्क तब लगाया जाता है, जब आप किसी दूसरे बैंक के एटीएम या व्हाइट लेबल एटीएम पर जाकर अपने कार्ड से लेनदेन करते हैं। यह शुल्क आपके बैंक से वसूला जाता है।
पहले इतना था चार्ज-
पहले इंटरचेंज फीस 15 रुपए प्रति लेनदेन थे, जिसे 1 अगस्त 2021 को बढ़ाकर 17 रुपए कर दिया गया थे। वहीं गैर वित्तीय लेनदेन पर शुल्क 5 रुपए से बढ़ाकर 6 रुपए कर दिया गया था। लेकिन 2012 में एटीएम इंटरचेंज शुल्क 18 रुपए था, जिसे घटाकर 15 रुपए किया गया था।
: क्या है इंटरचेंज शुल्क?
अगर किसी एक बैंक का ग्राहक किसी अन्य बैंक के एटीएम से अपने कार्ड का इस्तेमाल कर पैसे निकालता है, तो ऐसी स्थिति में जिस बैंक के एटीएम से पैसे निकाले जाते हैं, वह मर्चेंट बैंक हो जाता है। ऐसे में आपके बैंक को मर्चेंट बैंक को एक निश्चित शुल्क का भुगतान करना होता है, जिसे एटीएम इंटरचेंज शुल्क कहा जाता है। इंटरचेंज शुल्क दूसरे बैंक के एटीएम से एक सीमा के बाद निकासी करने पर लगाया जाता है।