बिलासपुर। पर्यावरण दिवस ” के उपलक्ष में पौधारोपण का कार्यक्रम उसलापुर ब्रह्माकुमारी सहवा केंद्र पर किया गया। पर्यावरण दिवस पर ब्रह्माकुमारी छाया दीदी ने कहा कि प्रकृति की ही गोद में हम सब का यह जीवन पल रहा है। प्रकृति हमारी माता की तरह है। प्रकृति का असंतुलन हम सबको दिखाई दे रहा है। इसके जिम्मेदार हम सभी हैं। पर हमें अब अपनी प्रकृति के प्रति जिम्मेदारी को समझकर उसकी सेवा करनी होगी। प्रकृति कई सदियों से हमारी निस्वार्थ सेवा कर रही है। उसके बाद भी हमने प्रकृति को क्या दिया है? प्रकृति को हमने बहुत नुकसान पहुंचाया है जिसके कारण प्रकृति भी विनाशकारी स्वरूप बनती जा रही है। मनुष्य जीवन, प्रकृति और पुरुष दोनों के संतुलन से ही चल रहा है। हमें जीवन जीने के लिए धरती, जल, वायु, अग्नि आकाश इन पांच तत्वों की आवश्यकता है।
धरती पर 70% जल है जिसमें से केवल एक दो परसेंट ही पीने योग्य पानी है। और हम कितने पानी को व्यर्थ कर देते हैं। पानी का हम सदुपयोग करें उसका दुरुपयोग ना करें उसे वेस्ट ना करें उसे स्वच्छ रखें। प्रदूषित होने से बचाए। वायु को शुद्ध बनाए रखने के लिए हम वृक्षारोपण करें आप देख रहे हैं इस बार कितनी अधिक गर्मी पड़ी है। अभी अभी से हम अगले वर्ष के लिए सावधान हो जाए। जो वृक्ष हमें सदा ऑक्सीजन देने वाले हैं। कार्बन डाइऑक्साइड को ग्रहण करके वायु को शुद्ध करने वाले हैं नेचुरल प्यूरीफायर है। इसलिए हम सब मिलकर वृक्षारोपण करें अधिक से अधिक अपने आसपास में पेड़ लगाए, अपने घरों में, अपने टेरेस पर पौधे लगाएं। यह घर की सुंदरता के साथ वायु को शुद्ध बनाने का कार्य करती। मनुष्य अपने स्वार्थ वश प्रकृति का बहुत नुकसान पहुंचा चुका है जिसके कारण आज प्रकृति असंतुलित हो गई है। ब्रह्माकुमारी छाया दीदी ने सभी को प्रतिज्ञा कराई – अब सभी मिलकर संकल्प ले की वृक्षों की रक्षा करेंगे और नए वृक्ष लगाएंगे।
उसकी देखरेख भी करेंगे और अपने मन वचन कर्म के द्वारा वातावरण को शुद्ध पवित्र बनाने में भी सदा सहयोगी बनेंगे। इसलिए हम सभी प्रकृति के पावन बनाने के लिए एवं शुद्ध शीतल बनाने के लिए भी योगदान करेंगे सभी भाई बहनों ने मिलकर संगठित रूप में राजयोग किया प्रकृति की शांति के लिए और उसकी शुद्धता के लिए। अंत में शुभ संकल्पों के साथ सभी भाई बहनों ने मिलकर वृक्षारोपण किया करीब 50 वृक्षारोपण “ब्रह्मा कुमारीज ओम शांति स्वरूप उसलापुर के सेवा केंद्र” के गार्डन में किया गया।