रायपुर। छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व वाली सरकार ने शराब के कारोबार से बिचौलियों को बाहर करने का निर्णय लेने के साथ ही ब्रेवरेज कॉर्पोरेशन की व्यवस्था को एक बार फिर बहाल कर दिया है। इस संबंध में पिछले दिनों की मुख्यमंत्री अध्यक्षता में हुई कैबिनेट में निर्णय लिया गया था। खास बात ये है कि, पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार में कार्यकाल में ब्रेवरेज कॉर्पोरेशन की भूमिका को समाप्त कर एफएल 10 ए और बी लाइसेंस जारी करने की शुरुआत की गई थी। अब सरकार ने इसे पूरी तरह खत्म कर दिया है।
जानकार सूत्रों के अनुसार, छत्तीसगढ़ राज्य गठन के समय तत्कालीन जोगी सरकार ने ब्रेवरेज कॉर्पोरेशन का गठन कर राज्य में शराब की खरीदी इस कॉर्पोरेशन के माध्यम से शुरू करवाई थी, लेकिन 2018 में बनी कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में एफएल 10 ए और एफएल 10 बी. लाइसेंस देने की शुरुआत की गई थी। एफएल 10 ए लाइसेंस करीब 10 लोगों को आवंटित किए गए थे। ये लाइसेंसधारी शराब निर्माताओं से शराब खरीदकर राज्य सरकार की स्टेट मार्केटिंग कॉर्पोरेशन को शराब सप्लाई का काम करते थे। मार्केटिंग कॉर्पोरेशन शराब को सरकारी दुकानों से बिकवाने का काम करता था।