अजब भ्रष्टाचार में गजब खेल: करोड़ों के भ्रष्टाचार में लिप्त मुंगेली सीएमओ अनुभव सिंह को अभयदान, जिस सीएमओ ने राजस्व कोष में जमा कराए 5 सौ वो सस्पेंड

मुंगेली/कोंडागांव/रायपुर। छत्तीसगढ़ में जीरो टॉलरेंस और सुशासन वाली सरकार बने करीब 8 माह पूरे हो गए हैं। सरकार बनते ही बड़े बड़े घोटालों में ताबडतोड़ कार्यवाही कर घोटालेबाजों को उनके अंजाम तक पहुंचा दिया गया। रिश्वत लेते कई अफसर और कर्मचारी एसीबी द्वारा ट्रेप किए गए। कुछ अफसरों को कार्य में लापरवाही करने के कारण सस्पेंड किया गया।

सरकारी तंत्र के क्वीक एक्शन से जनता में उम्मीद जगी है कि अब छत्तीसगढ़ में पहले की सरकार वाला भ्रष्ट्राचार वाला माडल नहीं चलेगा। लेकिन, सरकार के जीरो टॉलरेंस नीति और सुशासन का असर नगरीय प्रशासन विभाग में देखने को नहीं मिला। पहले की सरकार में सीएमओ जैसे मलाईदार पदों पर भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे अफसर आज भी मजा कर रहे हैं।

ताजा मामला मुंगेल नगरपालिका परिषद है। जहां मंत्रालय नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के आदेश में मवेशी बाजार पशु पंजीयन शुल्क की वसूली में अनियमितता के लिए अनुभव सिंह मुख्य नगर पालिका अधिकारी, मोरिस राज सिंह तत्कालीन सहायक राजस्व निरीक्षक एवं यतेन्द्र पाण्डेय प्रभारी कैशियर (मूलपद पम्प अटैण्डेण्ट) को दोष सिद्ध पाए जाने के बाद भी नगरीय प्रशासन संचालनालय कार्यवाही करने की हिम्मत नहीं दिखा पा रहा है।

बता दें कि दो दिन पहले नगरीय प्रशासन विभाग ने कोंडागांव के सीएमओ राजेंद्र पात्रे को इसलिए निलंबित कर दिया कि वो नियम विरुद्ध तरीके गरीबी रेखा प्रमाण पत्र जारी करने के लिए नगर पालिका के सरकारी कोष 5 सौ रुपए जमा करा रहे थे। हालांकि ये रकम सरकारी कोष में ही जमा हुआ मगर नियम तो नियम है। सरकार ने जीरो टॉलरेंस नीति का पालन करते हुए तत्काल सस्पेंशन आर्डर इशू कर दिया।

भ्रष्टाचार और घोटाले को लेकर चर्चित रहा है मुंगेली नगरपालिका

बता दें कि मुंगेली नगरपालिका भ्रष्टाचार और घोटाले को लेकर पहले भी चर्चित रहा है। ताजा मामला मुंगेली में मवेशी बाजार में करोड़ों रुपए के पशु पंजीयन शुल्क वसूली से जुड़ा है। इस मालमे कि शिकायत मंत्री से लेकर संचालनालय तक की गई थी। जिसके बाद अवर सचिव ने संचालनालय के माध्यम से संयुक्त संचालक, नगरीय प्रशासन एवं विकास, क्षेत्रीय कार्यालय बिलासपुर द्वारा गठित जांच समिति का प्रतिवेदन मंगाया था।

जांच प्रतिवेदन में नगर पालिका परिषद मुंगेली में मवेशी बाजार पशु पंजीयन शुल्क वसूली में अनियमितता के लिए अनुभव सिंह मुख्य नगर पालिका अधिकारी, मोरिस राज सिंह तत्कालीन सहायक राजस्व निरीक्षक एवं यतेन्द्र पाण्डेय प्रभारी कैशियर (मूलपद पम्प अटैण्डेण्ट) उत्तरदायी पाया गया बावजूद आज तक सीएमओ अनुभव सिंह व अन्य लोगों पर कोई विभागीय कार्यवाही नगरीय प्रशासन से देखने को नहीं मिल रही है। इसे लेकर मुंगेली शहर में कई तरह की चर्चा चल रही है। मुंगेली नगरपालिका से जुड़े पार्षदों व पूर्व पार्षदों का कहना है कि ये कोई नहीं बात नहीं है…अगर आका राजी तो क्या करेगा……काजी।

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